प्रसिद्ध कुमाउनी होली गीत | Kumaoni Holi Song PDF

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उत्तराखंड के कुमाऊं अंचल में होली गायन की अनूठी परंपरा है। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां खड़ी होली की धूम मचती है वहीं शहरों में बैठकी होली गायन की विशेष परंपरा है। होली गायन में महिलाएं भी पीछे नहीं रहती हैं। होली गायन पौष महीने के पहले रविवार से शुरू होती है जो टीके के दिन तक अविरल चलती रहती हैं। पौष माह के पहले रविवार को गाई जाने वाली होली को निर्वाण की होली कहा जाता है। 

बसंत पंचमी तथा शिवरात्रि से रोज बैठकी होली होने लगती है। शिवरात्रि को शिव की होली गाई जाती है। वहीं खड़ी होली चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी से गाई जाती है। इस दिन कदंब के पौध पर चीर बंधन किया जाता है। खड़ी होली की खास बात है कि वह चीर बंधन के बाद ही गाई जाती है जबकि बैठकी होली पौष महीने से गाई जाती हैं। चीर बंधन गांव के एक जगह पर सामूहिक रूप से बांधी जाती है। होल्यारों पर लाल, हरा, पीला तथा नीला रंग छिड़का जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में होल्यार घर-घर जाकर होली के गीतों का गायन करते हैं। छरड़ी के दिन सभी होल्यारों को आशीर्वाद वचन दिया जाता है। गांव में घर-घर चीर के टुकड़े के साथ कहीं गुड़ तो कहीं आटे से बना हलवा भी दिया जाता है। होली गायन में महिलाएं भी पीछे नहीं रहती हैं। वह भी टोलियां बनाकर होली के गीतों का गायन करती हैं।

यहाँ कुमाऊँ के कुछ प्रसिद्ध होली गीतों को संकलित कर एक साथ आप सभी के लिए प्रस्तुत हैं। आप यहाँ इन होली गीतों को पढ़ सकते हैं, साथ ही Download कर सकते हैं। 

उत्तराखंड के प्रसिद्ध होली गीत -   

  • तुम सिद्धि करो महाराज, होलिन के दिन में। 
  • सदा भवानी दाहिनी सिद्धि करे गणेश। 
  • हाँ हाँ हाँ मोहन गिरधारी। 
  • शिव के मन माहि बसे काशी। 
  • रंग में होली कैसे खेलूं। 
  • देवा के भवन बिराजे होरी। 
  • बलमा घर आयो फागुन में। 
  • झुकि आयो शहर में ब्यौपारी। 
  • मथुरा में खेलें एक घड़ी। 
  • कान्हां बजा गयो बाँसुरिया। 
  • जल कैसे भरूँ जमुना गहरी। 
  • ब्रज मंडल देश दिखायो रसिया। 
  • जय बोलो यशोदा नंदन की। 
  • दधि लूटे नन्द को लाल। 
  • गोरी प्यारो लागौ झनकारो। 
  • मत जाओ पिया होली आयी रही। 
  • ये कैसी होरी खिलाई। 
  • अरे हाँ जी राधे यमुना अकेली जाइयो। 
  • तू करले सोलह श्रृंगार राधिका। 
  • रंग केशर की पिचकारी भरी। 
  • दधि लूटत नन्द को लाल। 
  • सुदामा को देखें कृष्ण हँसे। 
  • ना लेऊ तुमसे उतराई। 
  • हरा पंख मुख लाल सुवा। 
  • सजाना घर आये कौन दिना। 
  • राधे जमुना अकेली मत जाइयो 
  • रंग कैसे होरी कैसे खेलूंगी, मैं सांवरिया के संग। 
  • जल बिन मछली तड़फ तड़फ। 
  • होली खेलत कैलाशपति। 
  • मेरो रंगीलो देवर घर ऐ रौ छौ। 
  • सीता बन में अकेली कैसे रही। 
  • हमरो देवर नादान। 
  • करले अपना व्याह देवर। 
  • झुकि आयो शहर से व्यौपारी। 
  • रथ लौटी चलो भगवान् भरत.
  • जो मैं मांगूं तुम ना दोगे। 
  • होली खेले पशुपतिनाथ। 
  • रंग बरसे भीगे चुनर वाली। 
  • होली आशीष। 
  • होली के आशीष वचन। 
  • आशीष के आंखर।  

Kumaoni Holi Song PDF- कुमाउनी होली गीत संग्रह 

यहाँ आपके लिए प्रसिद्ध उत्तराखंड के होली गीतों का संग्रह किया गया है। आप यहाँ इन गीतों को पढ़ सकते हैं और पीडीऍफ़ फाइल को डाउनलोड बटन पर क्लिक करके प्राप्त कर सकते हैं। 


 
उत्तराखंड होली गीत - संकलन : श्री गिरीश कांडपाल 

विनोद सिंह गढ़िया

ई-कुमाऊँ डॉट कॉम के फाउंडर और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर हैं। इस पोर्टल के माध्यम से वे आपको उत्तराखंड के देव-देवालयों, संस्कृति-सभ्यता, कला, संगीत, विभिन्न पर्यटक स्थल, ज्वलन्त मुद्दों, प्रमुख समाचार आदि से रूबरू कराते हैं। facebook youtube x whatsapp

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