Kumauni Holi Song-झुकी (जोगी) आयो शहर से ब्यौपारी।
झुकी आयो शहर से ब्यौपारी,
हे झुकी आयो शहर से ब्यौपारी।
झुकी आयो शहर से ब्यौपारी,
हे झुकी आयो शहर से ब्यौपारी।
इस ब्यौपारी को भूख बहुत है
हे इस ब्यौपारीको भूख बहुत है
इस ब्यौपारी को भूख बहुत है
हे इस ब्यौपारी को भूख बहुत है
पूरियाँ पकाई दे नथ वाली ..... झुकी आयो शहर से ब्यौपारी
पूरियाँ पकाई दे नथ वाली ..... झुकी आयो शहर से ब्यौपारी
झुकी आयो शहर से ब्यौपारी।
आहा इस ब्यौपारी को प्यास बहुत है
हे इस ब्यौपारी को प्यास बहुत है
आहा इस ब्यौपारी को प्यास बहुत है
हे इस ब्यौपारी को प्यास बहुत है
पनिया पिलाई दे नथ वाली.... झुकी आयो शहर से ब्यौपारी
पनिया पिलाई दे नथ वाली.... झुकी आयो शहर से ब्यौपारी
झुकी आयो शहर से ब्यौपारी, झुकी आयो शहर से ब्यौपारी
आहा इस ब्यौपारी को नींद बहुत है,
हे इस ब्यौपारी को नींद बहुत है
आहा इस ब्यौपारी को नींद बहुत है
हे इस ब्यौपारी को नींद बहुत है
पलंग बिछा दे नथ वाली..... झुकी आयो शहर से ब्योपारी
पलंग बिछा दे नथ वाली..... झुकी आयो शहर से ब्योपारी
झुकी आयो शहर से ब्योपारी, झुकी आयो शहर से ब्योपारी।