इतिहास पर्यटन सामान्य ज्ञान ई-बुक न्यूज़ लोकगीत जॉब लोक कथाएं लोकोक्तियाँ व्यक्ति - विशेष विदेश राशिफल लाइफ - साइंस आध्यात्मिक अन्य

घुघुतिया त्यार पर कुमाऊं में प्रचलित है लोक कथा।

On: January 11, 2018 1:28 PM
Follow Us:
घुघुतिया त्यौहार पर  बने घुघुते।

उत्तराखण्ड के कुमाऊँ में माघ माह की प्रथम दिन एक लोक पर्व मनाया जाता है जिसे ‘घुघुतिया त्यार’ के नाम जानते हैं। इस दिन यहाँ एक ख़ास तरह का पकवान बनाया जाता है जिसे घुघुते कहते हैं। आटा, घी और गुड़ के शर्बत से तैयार किये गए इस पकवान को सर्वप्रथम कौओं को खिलाया जाता है। फिर बच्चे इसकी माला बनाकर गले में धारण करते हैं। इस त्यौहार पर घुघुते बनाने के पीछे एक लोककथा है, आईये जानते हैं।  (Why we celebrate Ghughutiya Festival)

कुमाऊं में घुघुतिया  (घुघुत्या त्यार) मनाने के पीछे एक लोककथा।

मान्यता है कि कुमाऊं के एक राजा के पुत्र को घुघते (जंगली कबूतर) से बेहद प्रेम था। राजकुमार का घुघते के लिए प्रेम देख एक कौवा चिढ़ता था। उधर, राजा का सेनापति राजकुमार की हत्या कर राजा की पूरी संपत्ति हड़पना चाहता था। इस मकसद से सेनापति ने एक दिन राजकुमार की हत्या की योजना बनाई। वह राजकुमार को एक जंगल में ले गया और पेड़ से बांध दिया। ये सब उस कौवे ने देख लिया और उसे राजकुमार पर दया आ गई। इसके बाद कौवा तुरंत उस स्थान पर पहुंचा जहां रानी नहा रही थी। उसने रानी का हार उठाया और उस स्थान पर फेंक दिया जहां राजकुमार को बांधा गया था। रानी का हार खोजते-खोजते सेना वहां पहुंची जहां राजकुमार को बांधा था। राजकुमार की जान बच गई तो उसने अपने पिता से कौवे को सम्मानित करने की इच्छा जताई। कौवे से पूछा गया कि वह सम्मान में क्या चाहता है तो कौवे ने घुघते का मांस मांगा। इस पर राजकुमार ने कौवे से कहा कि तुम मेरे प्राण बचाकर किसी और अन्य प्राणि की हत्या करना चाहते हो यह गलत है। राजकुमार ने कहा कि हम तुम्हें प्रतीक के रूप में मकर संक्रांति को अनाज से बने घुघते खिलाएंगे। कौवा राजकुमार की बात मान गया। इसके बाद राजा ने पूरे कुमाऊं में कौवों को दावत के लिए आमंत्रित किया। राज का फरमान कुमाऊं में पहुंचने में दो दिन लग गए। इसलिए यहां दो दिन घुघत्या का पर्व मनाया जाता है।

यहाँ भी पढ़ें  :

कुमाऊँ का लोकपर्व घुघुतिया। 

 

 

पूरा लेख पढ़ने के लिए कृपया उपरोक्त शीर्षक पर टैप करें या https://www.eKumaon.com पर जाएँ।

Vinod Singh Gariya

ई-कुमाऊँ डॉट कॉम के फाउंडर और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर हैं। इस पोर्टल के माध्यम से वे आपको उत्तराखंड के देव-देवालयों, संस्कृति-सभ्यता, कला, संगीत, विभिन्न पर्यटक स्थल, ज्वलन्त मुद्दों, प्रमुख समाचार आदि से रूबरू कराते हैं।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Leave a Comment