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देव दीपावली 2025: जानिए तिथि, मुहूर्त, महत्व और उत्सव की भव्यता

On: October 29, 2025 7:40 PM
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देव दीपावली 2025

देव दीपावली कब है 2025 में: देव दीपावली, जिसे देव दिवाली या त्रिपुरोत्सव भी कहा जाता है, भारत की आध्यात्मिक नगरी वाराणसी में मनाया जाने वाला सबसे पवित्र और भव्य त्योहारों में से एक है। वर्ष 2025 में देव दीपावली बुधवार, 5 नवंबर 2025 को मनाई जाएगी। यह पर्व भगवान शिव द्वारा राक्षस त्रिपुरासुर पर विजय की स्मृति में मनाया जाता है, जो अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है।

देव दीपावली 2025 तिथि और मुहूर्त

  • देव दीपावली की तिथि: बुधवार, 5 नवंबर 2025
  • प्रदोषकाल देव दीपावली मुहूर्त: सायं 17:15 से 19:50 तक
  • अवधि: 2 घंटे 35 मिनट
  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 4 नवंबर 2025 को रात्रि 22:36
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: 5 नवंबर 2025 को सायं 18:48

देव दीपावली का महत्व

दीपावली के पंद्रह दिन बाद, कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाने वाली देव दीपावली का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यंत गहरा है। मान्यता है कि इस दिन देवता (Devas) स्वयं पृथ्वी पर उतरकर गंगा नदी में स्नान करते हैं। श्रद्धालु इस अवसर पर पवित्र गंगा में डुबकी लगाकर अपने पापों का प्रायश्चित करते हैं और भगवान शिव से दिव्य आशीर्वाद की कामना करते हैं।

अनुष्ठान और उत्सव की झलक

देव दीपावली के दिन वाराणसी की भोर अत्यंत पावन होती है, जब हजारों श्रद्धालु गंगा में स्नान करते हैं। यह स्नान मोक्षदायी माना गया है।
शाम ढलते ही पूरा वाराणसी प्रकाशमय हो उठता है। गंगा घाटों, मंदिरों और गलियों में लाखों दीपक (दिये) जलाए जाते हैं, जिससे शहर एक स्वर्गिक आभा में नहा उठता है।

दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती इस पर्व का सबसे आकर्षक दृश्य होता है। आरती के दौरान घंटियों की गूंज, वेद मंत्रों के उच्चारण और दीपों की लहराती रोशनी से सम्पूर्ण वातावरण भक्तिमय हो उठता है। यह क्षण न केवल दर्शनीय होता है, बल्कि आत्मा को शांति और ऊर्जा से भर देता है।

आध्यात्मिक संदेश

देव दीपावली को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का संहार किया था। यह पर्व अंधकार पर प्रकाश, असत्य पर सत्य और नकारात्मकता पर सकारात्मकता की विजय का प्रतीक है। यह हमें सिखाता है कि आत्मिक शुद्धता और भक्ति ही सच्चे ज्ञान का मार्ग है।

निष्कर्ष

देव दीपावली 2025 में वाराणसी एक बार फिर अपनी दिव्य आभा और सांस्कृतिक सौंदर्य से जगमगाएगा। गंगा स्नान, दीप प्रज्ज्वलन और आरती के माध्यम से यह पर्व मनुष्य को ईश्वरीय प्रकाश से जोड़ता है। वास्तव में, यह एक दैवीय अनुभव है जो आत्मा को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देता है।


FAQ सेक्शन (Frequently Asked Questions)

Q1. देव दीपावली 2025 कब है?
देव दीपावली 2025 बुधवार, 5 नवंबर 2025 को मनाई जाएगी। यह पर्व दीपावली के 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा के दिन आता है।

Q2. देव दीपावली का मुहूर्त क्या रहेगा?
प्रदोषकाल देव दीपावली मुहूर्त सायं 17:15 से 19:50 तक रहेगा, जिसकी कुल अवधि लगभग 2 घंटे 35 मिनट है।

Q3. देव दीपावली क्यों मनाई जाती है?
यह पर्व भगवान शिव की राक्षस त्रिपुरासुर पर विजय की स्मृति में मनाया जाता है। यह अच्छाई की बुराई पर विजय और प्रकाश की अंधकार पर जीत का प्रतीक है।

Q4. देव दीपावली कहाँ सबसे प्रसिद्ध है?
देव दीपावली का सबसे भव्य उत्सव वाराणसी (काशी) में मनाया जाता है, जहाँ गंगा घाटों पर लाखों दीप जलाकर देवताओं का स्वागत किया जाता है।

Q5. देव दीपावली और सामान्य दीपावली में क्या अंतर है?
दीपावली माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की आराधना का पर्व है, जबकि देव दीपावली भगवान शिव और देवताओं की उपासना के रूप में मनाई जाती है। यह दीपावली के 15 दिन बाद आती है।


(नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी हेतु है। ई-कुमाऊँ डॉट कॉम इसकी सटीकता या विश्वसनीयता का दावा नहीं करता।)

Vinod Singh Gariya

ई-कुमाऊँ डॉट कॉम के फाउंडर और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर हैं। इस पोर्टल के माध्यम से वे आपको उत्तराखंड के देव-देवालयों, संस्कृति-सभ्यता, कला, संगीत, विभिन्न पर्यटक स्थल, ज्वलन्त मुद्दों, प्रमुख समाचार आदि से रूबरू कराते हैं।

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