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फूलदेई- उत्तराखंड का एक लोकपर्व।

On: October 14, 2025 10:13 PM
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हिन्दू नववर्ष चैत्र के प्रथम दिवस यानि 1 गत्ते को उत्तराखण्ड के पर्वतीय अंचल में एक पर्व मनाया जाता है जो फूलदेई (#PHOOLDEI ) के नाम से जाना जाता है।  मुख्यतः इस पर्व को यहाँ के बच्चों द्वारा मनाया जाता है। जिसमें छोटे-छोटे बच्चे गांव के हर घर की दहलीज पर जाकर फूल बिखेरते हैं।
Phooldei Basket
Phooldei Festival Kumaon
#फूलदेई पर्व पर बच्चे सुबह ही उठकर स्नान करके पास के जंगल जाकर ताजे-ताजे फूल तोड़कर लाते हैं।  जिनमें बुरांश, प्योंली, बासिंग, भिटौर आदि के सुन्दर पुष्प होते हैं। इन्हें बच्चे रिंगाल की छोटी टोकरियों में सजाते हैं और  फिर नए कपड़े धारण कर घर-घर जाते हैं और लोगों के घरों की देहरी पर फूल बिखेरते हुए यह कहते हैं –
फूलदेई, फूलदेई,
छम्मा देई, छम्मा देई,दैणी द्वार, भर भकार,
यो देई सौं,
बारम्बार नमस्कार। 
फूलदेई, फूलदेई।
फिर छोटे बच्चो को उस घर द्वारा गुड़, चांवल और सिक्के दिए जाते हैं। शाम को इन चांवलों की सई बनाई जाती है और लोगों में बांटा जाता है।
पूरा लेख पढ़ने के लिए कृपया उपरोक्त शीर्षक पर टैप करें या https://www.eKumaon.com पर जाएँ।

Vinod Singh Gariya

ई-कुमाऊँ डॉट कॉम के फाउंडर और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर हैं। इस पोर्टल के माध्यम से वे आपको उत्तराखंड के देव-देवालयों, संस्कृति-सभ्यता, कला, संगीत, विभिन्न पर्यटक स्थल, ज्वलन्त मुद्दों, प्रमुख समाचार आदि से रूबरू कराते हैं।

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