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आज तुलसी क एक पौध जरूर रोपिया। | देवशयनी एकादशी | आषाढ़ी एकादशी | पद्मा एकादशी।

On: October 14, 2025 10:35 PM
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भवाली बटी श्री राजीव पाण्डे ज्यू जो खिमदा नामल ले लोगों में भौत प्रसिद्ध छन, आज वो देवशयनी एकादशी बार में हम सब कैं बतुण लागि रैयीं।
वो कुनि –

आज देवशयनी एकादशी छु, आपु सबन कैं कैं ढेरों शुभकामनाएं।

घर पर लगाई गई तुलसी | फोटो – गोविंदी पांडे
यकैं आषाढ़ी एकादशी, पद्मा एकादशी, हरिशयनी एकादशी क नामल ले जैणि जां, य एकादशी बे चार महीड लीजी भगवान विष्णु जु पाताल लोक में निवास करनी, जके भगवान जुक योग निद्रा ले कई जा, यहि कारण छु जो य चतुरमास में कोई मांगलिक कार्य जैसे बरपंद, विवाह, गृहप्रवेश नि हुन।
बामन पुराण क अनुसार राजा बली क बढते पराक्रम से घबराबेर इन्द्र और अन्य भगवान विष्णु जु पास गयी और बामन रूप धर बेर राजा बली थे विक सारी संपत्ति मांगि ले हु क, जब वामन अवतार लि बे विष्णु जु राजा बली क पास पहुंची, तो बली ल क महाराज के सेवा करू, उनुल क मेंके तीन पग जमीन चे, और दो पग में वीक पुर जमीन नाप दे जब जमीन नि बची तो राजा बली ल अपुण मुनव वामन जू खुटक तली धर दे, य बात विष्णु जु प्रसंन्न है गी, और उनुल राजा बली थे वरदान मांगणु को, राजा बलील पाताल में रूण लिजी क, भगवान जू वहि रुण लागी, अब सभी भगवान और लक्ष्मी जू परेशान है गयी, अब लक्ष्मी जू गरीब स्त्री बन बेर पाताल गयी और राजा बली को भै बनाबेर राखी बाधी और, भगवान विष्णु जू को पाताल बे लिजाणक वचन ले।
य साल चतुरमास १४८ दिन छु, और अधिक मास जो कि १८ सितम्बर बे शुरू है बेर १६ अक्टूबर तक चलल और देवउठनी एकादशी २५ नवंबर हु छु य वजहल य साल २४ कि जगह २६ एकादशी होल, और आज क दिन तुलसी जूक पौधा ले लगायी जां।
आज तुमि ले आपण घर में तुलसी ज्यू क एक पौध जरूर लगै बेर पुण्य लाभ कमै  बेर साथ-साथ उनर औधषि क लाभ ले जरूर लिया।
पूरा लेख पढ़ने के लिए कृपया उपरोक्त शीर्षक पर टैप करें या https://www.eKumaon.com पर जाएँ।

Vinod Singh Gariya

ई-कुमाऊँ डॉट कॉम के फाउंडर और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर हैं। इस पोर्टल के माध्यम से वे आपको उत्तराखंड के देव-देवालयों, संस्कृति-सभ्यता, कला, संगीत, विभिन्न पर्यटक स्थल, ज्वलन्त मुद्दों, प्रमुख समाचार आदि से रूबरू कराते हैं।

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