उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025- कार्यक्रम, खर्च सीमा समेत पूरी जानकारी।
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Uttarakhand Panchayat Election-2025 |
देहरादून, 21 जून 2025:
उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2025 की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके साथ ही राज्य के 12 जनपदों (हरिद्वार को छोड़कर) में आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है, जो 19 जुलाई 2025 को मतगणना संपन्न होने तक प्रभावी रहेगी। इस बार चुनाव दो चक्रों में संपन्न कराए जाएंगे, जिनके तहत 10 जुलाई और 15 जुलाई को मतदान होगा।
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने शनिवार को प्रेस वार्ता में बताया कि नामांकन प्रक्रिया 25 जून 2025 से शुरू होगी, जो 28 जून तक चलेगी। नामांकन पत्रों की जांच 29 जून से 1 जुलाई तक की जाएगी, जबकि नाम वापसी की अंतिम तिथि 2 जुलाई होगी। पहले और दूसरे चक्र के लिए क्रमशः 3 जुलाई और 8 जुलाई को चुनाव चिन्हों का आवंटन किया जाएगा।
चुनाव कार्यक्रम की मुख्य तिथियां:
- नामांकन: 25 से 28 जून 2025 (सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक)
- जांच: 29 जून से 1 जुलाई 2025
- नाम वापसी: 2 जुलाई (सुबह 8 बजे से दोपहर 3 बजे तक)
- चुनाव चिन्ह आवंटन: पहले चक्र के लिए 3 जुलाई, दूसरे चक्र के लिए 8 जुलाई
- मतदान तिथि: पहले चक्र के लिए 10 जुलाई, दूसरे चक्र के लिए 15 जुलाई (सुबह 8 से शाम 5 बजे तक)
- मतगणना: 19 जुलाई 2025 को।
किन विकासखंडों में कब चुनाव:
प्रथम चक्र में जनपदवार इन विकासखंडों में होंगे चुनाव :-
- अल्मोड़ा : ताकुला, धौलादेवी, ताड़ीखेत भैंसियाछाना, लमगड़ा एवं चौखुटिया विकासखंड।
- ऊधमसिंहनगर : खटीमा, सितारगंज, गदरपुर एवं बाजपुर
- चंपावत : लोहाघाट एवं पाटी,
- पिथौरागढ़ : धारचूला, डीडीहाट, मुनस्यारी एवं कनालीछीना
- नैनीताल :बेतालघाट, ओखलकाण्डा, रामगढ एवं धारी।
- बागेश्वर : बागेश्वर, गरूड़ एवं कपकोट विकासखंड।
- उत्तरकाशी : मोरी, पुरोला एवं नौगांव विकासखंड।
- चमोली : देवाल, थराली, ज्योतिर्मठ एवं नारायणबगड़।
- टिहरी गढ़वाल : जौनपुर, प्रतापनगर, जाखणीधार, थौलधार एवं भिलंगना।
- देहरादून : चकराता, कालसी एवं विकासनगर
- पौड़ी गढवाल : खिर्सू, पाबौ, थलीसैंण, नैनीडाण्डा, बीरौंखाल, रिखणीखाल, एकेश्वर एवं पोखड़ा।
- रूद्रप्रयाग : ऊखीमठ, जखोली एवं अगस्त्यमुनि विकास खण्ड ।
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- अल्मोड़ा जनपद के सल्ट, स्याल्दे, भिकियासैंण, हवालबाग एवं द्वाराहाट।
- ऊधमसिंहनगर जिले के रूद्रपुर, काशीपुर एवं जसपुर।
- चम्पावत जिले के चम्पावत एवं बाराकोट।
- पिथौरागढ़ जिले के विण, मूनाकोट, बेरीनाग एवं गंगोलीहाट।
- नैनीताल जिले के हल्द्वानी, रामनगर, भीमताल एवं कोटाबाग।
- उत्तरकाशी जिले के डुण्डा, चिन्यालीसौड़ एवं भटवाड़ी।
- चमोली जिले के पोखरी, दशोली, नन्दानगर, कर्णप्रयाग एवं गैरसैंण।
- टिहरी गढवाल जिले के कीर्तिनगर, देवप्रयाग, नरेन्द्रनगर एवं चम्बा, .
- देहरादून जिले के डोईवाला, रायपुर एवं सहसपुर।
- पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर, जयहरीखाल, दुगड्डा, द्वारीखाल, पौड़ी, कोट एवं कल्जीखाल विकास खंड।
कुल कितने पदों पर होगा चुनाव:
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, इस बार प्रदेश के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत कुल 66,418 पदों पर निर्वाचन कराया जाएगा। इसमें शामिल हैं:
- ग्राम पंचायत सदस्य: 55,587 पद
- ग्राम प्रधान: 7,499 पद
- क्षेत्र पंचायत सदस्य: 2,974 पद
- जिला पंचायत सदस्य: 358 पद
चुनावों के लिए 8,276 मतदान केंद्र और 10,529 मतदान स्थल बनाए गए हैं।
मतदाता और खर्च सीमा:
इस बार प्रदेश में कुल 47,77,072 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें महिलाएं 23,10,996, पुरुष 24,65,702 और अन्य 374 मतदाता शामिल हैं। वर्ष 2019 की तुलना में मतदाता संख्या में 10.57% की वृद्धि हुई है।
पंचायत चुनाव में खर्च सीमा :
उम्मीदवारों के लिए निर्वाचन व्यय सीमा भी तय कर दी गई है:
- ग्राम पंचायत सदस्य: ₹10,000
- ग्राम प्रधान: ₹75,000
- क्षेत्र पंचायत सदस्य: ₹75,000
- जिला पंचायत सदस्य: ₹2,00,000
Uttarakhand Panchayat Election 2025
सुरक्षा और निगरानी:
राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रक्रिया की निगरानी के लिए 55 सामान्य प्रेक्षकों की तैनाती की है, साथ ही 12 प्रेक्षक आरक्षित रखे गए हैं। प्रत्येक जिले में एक-एक प्रभारी व्यय अधिकारी नियुक्त किया गया है जो प्रतिदिन आयोग को रिपोर्ट भेजेगा।
इसके अलावा, 95909 कार्मिकों की तैनाती की जाएगी, जिनमें से 35700 सुरक्षा में रहेंगे। जिला स्तर पर पुलिस, आबकारी और प्रशासनिक टीमों को जब्ती और निगरानी का अधिकार दिया गया है।
- आयोग की व्यवस्थाएं: चुनावों की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए आयोग ने आदर्श आचार संहिता और मतदाता सूची अपनी वेबसाइट www.sec.uk.gov.in पर सार्वजनिक की है।
- मतदाताओं की सुविधा के लिए आयोग ने टोल फ्री नंबर 18001804280 भी जारी किया है।
- वर्षा और आपदा की आशंका को देखते हुए विभागों को विशेष आपदा योजना तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय लोकतंत्र की यह सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया प्रशासन, सुरक्षा और पारदर्शिता के नए मानदंड स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।