मेजर प्रिया पालनी की पहल-बागेश्वर में पहली बार SSB मार्गदर्शन शिविर, युवाओं के लिए सुनहरा अवसर।
बागेश्वर। पर्वतों की गोद में शिव नगरी बागेश्वर न केवल अपने आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गौरव के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि अब यह जिला देशसेवा की नई मशाल थामे एक संकल्प का गवाह भी बनने जा रहा है। यह संकल्प लिया है, रिटायर्ड मेजर प्रिया पालनी ने। मेजर पालनी भारतीय सेना की पूर्व अधिकारी रही हैं और अब अपने जिले के युवाओं को एसएसबी जैसी कठिन चयन प्रक्रिया के लिए दिशा देने के लिए मैदान में उतरने वाली हैं।
मेजर प्रिया पालनी एक ऐसा नाम है जो ना केवल सेना की अनुशासनशील परंपरा का प्रतिनिधित्व करती हैं, बल्कि पहाड़ की बेटियों की क्षमताओं का भी जीवंत प्रमाण है। सेवानिवृत्ति के बाद जब बहुत से लोग आराम तलब जिंदगी की तलाश में रहते हैं, तब मेजर प्रिया ने अपने क्षेत्र के युवाओं के लिए एक नई पहल शुरू करने की कमान थाम ली है।
मेजर प्रिया पालनी ने युवाओं के लिए 22 मई से 24 मई 2025 तक बागेश्वर में एसएसबी में चयन के लिए मार्गदर्शन के लिए कार्यक्रम तय किया है।
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पहली बार बागेश्वर में SSB गाइडेंस का ऐतिहासिक आयोजन
NDA, CDS और TES की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए यह तीन दिवसीय SSB गाइडेंस प्रोग्राम एक सुनहरा अवसर है। इसमें प्रवेश निःशुल्क और सीटें सीमित। यह आयोजन साधारण नहीं, बल्कि एक मिशन है, पहाड़ के बच्चों को ऊँचाई तक पहुँचाने का।
तीन दिन, तीन चरण - सेना की कसौटी पर होगा आकलन
- पहले दिन Screening Test में उम्मीदवारों की प्रारंभिक क्षमता को परखने का अवसर। उसी प्रारूप में, जैसा कि SSB में होता है।
- दूसरे दिन Psychology Assessment। आंतरिक विचारों, निर्णय क्षमता, भावनात्मक संतुलन और नेतृत्व गुणों की जांच, सेना की कसौटी पर मन की परीक्षा।
- तीसरे दिन GTO Tasks और Personal Interview। फिजिकल व ग्रुप लेवल टास्क के साथ व्यक्तिगत साक्षात्कार, जहां आपके भीतर छिपा ऑफिसर तलाशा जाएगा।
बागेश्वर में ऐसा आयोजन पहली बार हो रहा है। युवाओं के लिए यह एक अवसर है जो बार-बार नहीं आएगा। {inAds}
रजिस्ट्रेशन की जानकारी
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एक संदेश-अपनी ताकत को पहचानो
यह एक आयोजन नहीं, एक आंदोलन है। यह आयोजन केवल परीक्षा की तैयारी भर नहीं, बल्कि युवाओं में आत्मविश्वास भरने का प्रयास है। एक संदेश है, कि हमारे गांवों, घाटियों और पहाड़ियों में भी वो चमक है, जो देश की सेना की वर्दी को रौशन कर सकती है।
मेजर प्रिया पालनी का यह कदम न केवल युवाओं के करियर का निर्माण करेगा, बल्कि पहाड़ के सामाजिक-सांस्कृतिक आत्मबल को भी सशक्त बनाएगा।
इस पहल को साझा करें, ताकि हर गांव, हर कोना और हर बच्चा यह जान सके कि उसकी ताकत, उसके अपने लोगों में ही छिपी है।
रिपोर्ट : श्री केशव भट्ट (बागेश्वर)