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प्रकृति और एडवेंचर प्रेमियों के लिए नैनीताल के नज़दीक 7 बेहतरीन वीकेंड गेटवेज़

On: November 3, 2025 2:06 PM
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nainital

Tourist Spot Near Nainital : उत्तराखंड के शांत और सुरम्य कुमाऊँ की वादियों में स्थित नैनीताल एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन, जो खूबसूरत झील और पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यह शहर वर्षभर पर्यटकों से गुलजार रहता है। वहीं इसके आसपास कई ऐसे रोमांचक दर्शनीय स्थल हैं जो यहाँ आने वाले हर पर्टयक को रोमांच, शांति और बेहतर परिवेश का अहसास करवाते हैं।

नैनीताल के आसपास ऐसे ही कुछ बेहतरीन स्थल निम्नांकित हैं, जहाँ आप वीकेंड में आकर अपने ट्रिप को यादगार बना सकते हैं:

भीमताल: एक शांत और सुरम्य स्थल

भीमताल नैनीताल के निकट एक शांत और सुरम्य शहर है, जिसका आकर्षण शहर के मध्य एक खूबसूरत झील है, जिसका नाम ‘भीमताल’ है। इसी झील के नाम से इस शहर को जाना जाता है। नैनीताल से भीमताल की दूरी 22 किलोमीटर है। नैनीताल झील से बड़ी यह झील बोटिंग और कयाकिंग के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ आपको नैनीताल शहर से बेहद कम भीड़भाड़ मिलेगी, जो आपको प्रकृति के बीच बेहद सुखद अहसास कराती है।

यहाँ आपको भीमेश्वर महादेव मंदिर और विक्टोरिया डैम देखने को मिलता है। आप यहाँ आसपास ट्रैकिंग कर खूबसूरत जंगलों में बर्ड वॉचिंग कर सकते हैं।

सातताल: सात झीलों का स्वर्ग

सातताल यानी सात झील। नैनीताल शहर से 23 किलोमीटर दूर समुद्रतल से 1370 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह स्थल एक अनोखा और अविस्मरणीय है, यहाँ सात झीलों का समूह है, जो परस्पर एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। जिनके नाम राम ताल, सीता ताल, लक्ष्मण ताल, हनुमान ताल, सूखा ताल, नल दमयंती ताल और गरुड़ ताल हैं। इन्हीं तालों की वजह से यहाँ का नाम सातताल पड़ा।

यहाँ प्रकृति के बीच आप नौकायन का आनंद ले सकते हैं। झील के चारों को बैठकर आप वातावरण की शांति और जैव विविधता से युक्त फोटोग्राफी, फिशिंग आदि कर सकते हैं। यहाँ आपको बटरफ्लाई संग्रहालय में तितलियों और कीटों की 2,500 से अधिक प्रजातियाँ देखने को मिल सकती हैं।

मुक्तेश्वर: दर्शनीय हिल स्टेशन

मुक्तेश्वर, नैनीताल शहर से 51 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक प्यारा हिल स्टेशन है, जहाँ से आपको नयनाभिराम करने वाली लम्बी-लम्बी हिमालय की चोटियों के दर्शन होते हैं। यहाँ से आपको नीलकंठ, नंदादेवी और त्रिशूल हिमालय चोटियों से दर्शन सुलभ हैं। समुद्रतल से इस स्थल की ऊंचाई 2286 मीटर है। यहाँ भगवान शिव का एक मंदिर है, जो ‘मुक्तेश्वर मंदिर’ के नाम से विख्यात है।

इस मंदिर तक जाने के लिए आपको 100 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। इसी के पास एक चट्टानों में ‘चौली की जाली’ जिसे चौथी जाली भी कहते हैं। कहते हैं कोई निःसंतान इस जाली (छेद) से निकलता है तो उसे संतान प्राप्ति होती है। यहाँ आपको रॉक क्लाइम्बिंग, रैपलिंग और ट्रेकिंग जैसी सुविधाएँ मिलती हैं। यहाँ इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट के अलावा एक म्यूजियम और लाइब्रेरी भी है जहां जानवरों पर रिसर्च से संबंधित पुराने समय का समान और किताबें सुरक्षित रखी गई हैं। प्रकृति प्रेमियों का एक पसंदीदा स्थल है।

अल्मोड़ा: सांस्कृतिक नगरी

नैनीताल से 65 किलोमीटर की दूरी में स्थित, अल्मोड़ा प्राकृतिक सुंदरता के समेटे कुमाऊँ की सांस्कृतिक नगरी है। यह अपनी सांस्कृतिक विरासत, हस्तकला और व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ नंदा देवी और कसार देवी जैसे प्रमुख शक्तिस्थल मौजूद हैं। वहीं लाला बाज़ार जैसे जीवंत बाज़ार पारंपरिक शिल्प और कुमाऊँनी विशिष्टताओं से भरे हुए हैं जहाँ से खरीदारी की जा सकती है। शहर से 35 किलोमीटर दूर जागेश्वर धाम है, जहाँ आपको 250 छोटे बड़े मंदिरों के दर्शन होते हैं। वहीं चितई गोलू मंदिर जाकर आप दर्शन कर सकते हैं। शाम को सूर्यास्त का खूबसूरत नजारा देखना हो तो ब्राइट इंड कार्नर’ पर आकर खूबसूरत दृश्यों का लाभ ले सकते हैं। 

कौसानी: भारत का स्विटजरलैंड

“भारत का स्विटजरलैंड”  कहा जाने वाला उत्तराखंड का प्रमुख हिल स्टेशन कौसानी, नैनीताल शहर से 120 किलोमीटर दूर है। प्रकृति के बीच बेहद शांत और मनोरम दृश्यों को समेटे इस स्थल से त्रिशूल, नंदा देवी, पंचाचूली जैसे प्रमुख हिमालय की चोटियों के दर्शन होते हैं। जहाँ से दिखने वाला सूर्योदय बड़ा ही मनोहारी और विचित्र होता है। इसके अलावा अनाशक्ति आश्रम, लक्ष्मी आश्रम, पंत संग्रहालय देख सकते हैं।

कौसानी के सुन्दर चाय बागान की सैर कर आप यहाँ के ताजे चाय पत्तियों के मिश्रण का स्वाद ले सकते हैं। ब्रह्मांड को जाने के रूचि है तो आप आप यहाँ स्टारगेट वेधशाला जा सकते हैं। आपपास में आप ट्रैकिंग का आनंद ले सकते हैं।

रानीखेत: कुमाऊँ की रानी का खेत

रानीखेत की दूरी नैनीताल से लगभग 56 किलोमीटर है। समुद्र तल से एक शहर की ऊंचाई 1829 मीटर है। कहा जाता है कुमाऊँ की महारानी पद्मिनी को इस जगह की सुंदरता से प्यार हो गया, तब राजा सुधरदेव उन्हें एक महल बनाकर दिया और रानी यहाँ रहने लगी। तब से यहाँ का नाम रानीखेत पड़ा। यह स्थल एक खूबसूरत हिलस्टेशन है। यहाँ से आपको हिमालय की सुन्दर श्रृंखलाओं को दर्शन होते हैं, वहीं ढलानदार हरे भरे पहाड़ यहाँ अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

यहाँ का स्वच्छ और शांत वातावरण पर्यटकों को बेहद पसंद आता है। दर्शनीय स्थलों की बात करें तो आप यहाँ चौबटिया गार्डन जा सकते हैं, जहाँ आपको सेब, आड़ू,खुमानी, बेर आदि फलों का 600 एकड़ में फैला मनमोहक उद्यान देखने को मिलता है। झूलादेवी मंदिर, गोल्फ कोर्स यहाँ के प्रमुख स्थलों में से एक हैं।

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय पार्क हैं। नैनीताल से यहाँ की दूरी करीब 65 किलोमीटर है। वर्ष 1936 में स्थापित यह पार्क प्रसिद्ध शिकारी और संरक्षणवादी जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया है। हिमालय की तलहटी में बसे इस पार्क को प्रमुखतः बाघों का घर कहा जाता है। तेंदुए, हाथी, हिरन समेत अनेक जंगली जानवरों के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों का घर यह जिम कार्बेट पार्क हर किसी पर्यटक के लिए रोमांचक और यादगार ट्रिप बनाता है। यहाँ जीप और हाथी की जंगल सफारी बेहद लोकप्रिय है।

निष्कर्ष:

नैनीताल के आसपास अनेक ऐसे रोमांचक वीकेंड गेटवे हैं जहाँ आप आकर प्रकृति की खूबसूरती के साथ-साथ शांति, रोमांच और आध्यात्म से जुड़ सकते हैं। यहाँ आपको हर नयी जगह पर नयी ताजगी का अहसास होता है। यहाँ आपको जगह-जगह पर आपके बजट के अनुरूप होटल उपलब्ध हो जाते हैं। तो चले आयें इन बेहतरीन वीकेंड गेटवेज़ की ओर।

Vinod Singh Gariya

ई-कुमाऊँ डॉट कॉम के फाउंडर और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर हैं। इस पोर्टल के माध्यम से वे आपको उत्तराखंड के देव-देवालयों, संस्कृति-सभ्यता, कला, संगीत, विभिन्न पर्यटक स्थल, ज्वलन्त मुद्दों, प्रमुख समाचार आदि से रूबरू कराते हैं।

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