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Phool dei Wishes : फूलदेई के प्यारे शुभकामना सन्देश।

On: October 10, 2025 9:15 PM
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Phool dei Wishes :  उत्तराखंड में फूलदेई का त्योहार बदलते दौर में भी बड़े हर्षोल्लाष के साथ मनाया जा रहा है। इस पर्व को मनाते हुए नयी पीढ़ी के बच्चों के चेहरे की मुस्कान आज भी वैसी ही विद्यमान है जैसे पहले के दिनों में हुआ करती थी। फूलदेई की तैयारियों से लेकर फूल चुनने की प्रक्रिया और गांव के हर घर की दहलीज पर जाकर फूल डालकर आशीर्वचन बड़े उत्साह के साथ देते हैं।

हर वर्ष चैत्र माह की संक्रांति यानि प्रथम दिन को मनाये जाने वाले फूलों का यह त्योहार नई ऋतु बसंत के आगमन पर ख़ुशी और प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने का पर्व है। कुमाऊं एवं गढ़वाल में इस पर्व को “फूलदेई” अथवा “फूल संक्रांद”और जौनसार-बाबर में “गोगा” के नाम से प्रसिद्ध है। कुमाऊं में यह पर्व चैत्र संक्रांति के दिन, गढ़वाल के कुछ क्षेत्रों में संक्रांति से लेकर आगामी 8 दिनों तक मनाया जाता है वहीं जौनसार क्षेत्र में यह पर्व महीनेभर मनाया जाता है।

फूलदेई (Phool dei)की मुख्य विशेषता है कि यह पर्व सिर्फ छोटे बच्चों द्वारा मनाया जाता है, जिसमें वे बसंत ऋतु में खिले फूलों को चुनकर लाते हैं और घर-घर जाकर उनके देहरी पर फूल अर्पित कर उन्हें अपने आशीर्वचन देते हैं। उपहार स्वरुप के पारम्परिक रूप में कच्चे चाँवल और गुड़ की डलियां प्राप्त करते हैं।

इसके अलावा फूलदेई का त्यौहार बच्चों को प्रकृति से जोड़ता है। उन्हें रचनात्मकता को विकसित करने और सामाजिक भावना को बढ़ावा देने में मदद करता है। तो आईये मंगल गीत के साथ मनाते हैं फूलदेई –

Happy Phooldei Wishes and Quotes

फूलदेई पर बच्चे फूल डालते हुए ये मंगल गीत गाते हैं –

“फूल-फूलदेई, छम्मा देई, दैणी द्वार, भरि भकार, यो देई सौं, बारम्बार नमस्कार। फूलदेई, फूलदेई।”

जिसका भावार्थ है –

  • फूल-फूलदेई : आपकी दहलीज फूलों से भरी और मंगलकारी हो।
  • छम्मा देई : आपकी देई (दहलीज) क्षमाशील यानि सब प्राणियों की रक्षा करने वाली हो।
  • दैणी द्वार : आपकी देहरी, घर व समय सबके लिए दांया अर्थात सफल हो।
  • भरि भकार : आपके भकार (यानि अन्न के भंडार) भरें रहें।

 

पर्वतीय क्षेत्रों के गांव फूलदेई के अवसर पर बच्चों के मधुर स्वर से गुंजायमान रहती हैं वहीं आजकल के डिजिटल युग में समस्त उत्तराखंड वासी सोशल मीडिया में एक दूसरे को इस पर्व की शुभकामनायें प्रेषित करते हैं। यहाँ हम आपके लिए लोक पर्व फूलदेई के कुछ शुभकामना सन्देश संकलित कर रहे हैं, जिन्हें आप भी इस पर्व के अवसर पर अपने शुभ चिंतकों को प्रेषित करें।

सर्दी की हो रही विदाई,
गर्मी ने दे दी दस्तक।
रंग बिरंगे फूलों से लदी डालियों की लचक,
चहुँ ओर बिखरी छटा निराली।
चाँवल, गुड़, फूलों से सजी थाली।
थाली लिए बच्चियां चली देहरी पूजने
फूलदेई के गीत गाती मंगल कामना करने।  

फूलदेई की हार्दिक शुभकामनायें।

Happy Phooldei 2026 Wishes and Quotes

फूल देई, छम्मा देई, देणी द्वार, भर भकार
ये देली स बारम्बार नमस्कार ….फूले द्वार

देवभूमि उत्तराखंड की संस्कृति एवं परंपराओं में बसन्त ऋतु के स्वागत के पावन पर्व “फूलदेई” कीआप सभी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें।

 

फूलदेई फूलदेई
तुमरा भकार भरी जैं, हमरा टुपरा। 

Happy Phool dei

  • उत्तराखंड के लोकपर्व फूलदेई की हार्दिक शुभकामनाएं। फूलदेई का यह पर्व प्रकृति के करीब माना जाता है, हम उत्तराखंड वासियों को प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्यों की याद दिलाता है।
  • प्रकृति प्रेम को समर्पित उत्तराखंड लोक संस्कृति के महान पर्व “फूलदेई ” के अवसर पर सभी बच्चों के ढेरों बधाई और शुभकामनायें।
चैत कु महीना लागि ग्ये
बीटा पाख्युं मा फ्यूंली खिली ग्ये।
फूल संक्रांति धैं लगान्दी
देली देलियों मा फूल सजांदी।
तांबे की तौली, पितले की परात
फुलारी छोरो खुलेगी रात।
फूलों कु ऐगी त्यौहार।
शुभ फूलदेई।

उत्तराखंड में फूलदेई मनाने के पीछे क्या मान्यताएं हैं पढ़ने के लिए इस लिंक पर जाएँ – फूलदेई त्यौहार पर प्रचलित लोककथाएं और बधाई सन्देश। 

Phooldei Festival के Wishes पोस्टर डाउनलोड आप यहाँ से कर सकते हैं जो सभी हमारी संस्कृति प्रेमी विनोद सिंह गढ़िया द्वारा तैयार किये गए हैं।
फूलदेई की हार्दिक शुभकामनायें
हैप्पी फूलदेई

 

Happy-Phooldei-Poster
Happy Phooldei Poster

 

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लोकपर्व फूलदेई के शुभकामना सन्देश

 

Phool dei Festival 2026 : उत्तराखंड में इस वर्ष फूलदेई का त्योहार  दिनांक 14 मार्च 2026 को मनाया जायेगा। परम्परानुसार इस दिन बच्चे अपने गांव के सभी घरों की दहलीज पर बसंत में खिले नए फूलों को अर्पित करेंगे।

Vinod Singh Gariya

ई-कुमाऊँ डॉट कॉम के फाउंडर और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर हैं। इस पोर्टल के माध्यम से वे आपको उत्तराखंड के देव-देवालयों, संस्कृति-सभ्यता, कला, संगीत, विभिन्न पर्यटक स्थल, ज्वलन्त मुद्दों, प्रमुख समाचार आदि से रूबरू कराते हैं।

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