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खूनी गांव बना अब देवीग्राम, जानिये क्यों कहते थे यह अजीब नाम।

On: November 3, 2025 3:30 PM
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उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ का चर्चित खूनी गांव अब ‘देवीग्राम’ के नाम से जाना जाएगा। प्रदेश के जनप्रतिनिधियों के विशेष प्रयासों के बाद भारत सरकार ने इस नाम परिवर्तन की अनुमति प्रदान की। इसके बाद उत्तराखंड शासन के राजस्व विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।

गांव का नाम बदलने से ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ‘खूनी’ जैसे अजीब और असहज करने वाले नाम के चलते वे हमेशा असुविधा महसूस करते थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सांसद अजय टम्टा से लगातार गुहार लगाने के बाद आखिरकार भारत सरकार ने उनकी मांग पूरी कर दी हैं।

नाम बदलने की लंबी प्रक्रिया

पिथौरागढ़ मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित यह गांव लंबे समय से ग्रामीणों के लिए पहचान का कारण तो था, लेकिन नाम के चलते लोग असहज महसूस करते थे। कई बार ग्रामीणों ने अपने गांव का नाम बताते समय शर्मिंदगी झेली। ग्रामीणों के साथ ही ओएनजीसी के पूर्व महाप्रबंधक ललित मोहन जोशी ने भी इस दिशा में लगातार पत्राचार और प्रयास किए। आखिरकार प्रदेश सरकार ने अधिसूचना जारी कर गांव का नाम बदलकर देवीग्राम कर दिया।

गांव का इतिहास और नाम का किस्सा

गांव का नाम खूनी क्यों पड़ा, इसे लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं। ग्रामीण बताते हैं कि आजादी से पहले अंग्रेजों के साथ यहां झड़प हुई थी, जिसमें ग्रामीणों ने अंग्रेजों को मार दिया था और तभी से गांव का नाम ‘खूनी’ पड़ गया। वहीं एक अन्य जनश्रुति के अनुसार, गांव का मूल नाम खोली था, लेकिन अंग्रेज सही उच्चारण न कर पाने के कारण इसे खूनी कहते थे, जो धीरे-धीरे स्थायी नाम बन गया।

ग्रामीणों की प्रतिक्रिया

गांव में लगभग 60 परिवार और 380 की आबादी रहती है। नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान इंदिरा जोशी ने बताया कि सरकार ने ग्रामीणों की दशकों पुरानी मांग पूरी कर दी है। नाम बदलने की खुशी में गांव में विशेष आयोजन की तैयारी चल रही है और मुख्यमंत्री धामी को इसमें आमंत्रित करने की योजना है।

गांव का नाम बदलने से अब न केवल ग्रामीणों की असुविधा दूर हुई है, बल्कि उनकी पहचान भी एक सकारात्मक और सम्मानजनक नाम के साथ जुड़ गई है।

Vinod Singh Gariya

ई-कुमाऊँ डॉट कॉम के फाउंडर और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर हैं। इस पोर्टल के माध्यम से वे आपको उत्तराखंड के देव-देवालयों, संस्कृति-सभ्यता, कला, संगीत, विभिन्न पर्यटक स्थल, ज्वलन्त मुद्दों, प्रमुख समाचार आदि से रूबरू कराते हैं।

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