गढ़रत्न श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी का एक सुन्दर गढ़वाली गीत - हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी
चम चमा चम, चम चम , चम चम,चम चमकि , चमकि , चम चमकि घाम काँठीयूं मा
हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी, हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी
बणी गैनी, बणी गैनी
हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी, हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी ।
शिब का कैलाशु ग्यायी पैली पैली घाम , शिब का कैलाशु ग्यायी पैली पैली घाम
सेवा लगौणु आयी बदरी का धाम , बे बदरी का धाम, बे बदरी का धाम
सर.. फैली , फैली , सर.. फैली घाम डाँडों मा
भौन, पंक्षि, डांडि, डालि वोटि बिजी गैनी, भौन, पंक्षि, डांडि, डालि वोटि बिजी गैनी
बिजी गैनी , बिजी गैन
हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी, हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी ।
ठण्डु-मठु चड़ी घाम , फूलु कि पाखियुं मा, ठण्डु-मठु चड़ी घाम , फूलु कि पाखियुं मा
लगि कुतग्यली तौंकी नाँगि काख्युं मा बे
नाँगि काख्युं मा, बे नाँगि काख्युं मा
खिच्च हैसिनी, हैसिनी, खिच्च हैसिनी फूल डालियुं मा
भौंरा पोथला रंग-मत बणी गैनी, भौंरा पोथला रंग-मत बणी गैनी
बणी गैनी , बणी गैनी
हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी, हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी ।
डांडि-काँठि बिजाली , पौंछि घाम गौं मा, डांडि-काँठि बिजाली , पौंछि घाम गौं मा
सु-निंद पौडि छै, बेटी ब्वारी डेरों मा बे
ब्वारी डेरों मा, बे ब्वारी डेरों मा
झम्म झौल , झौल , झम्म झौल लगी आखियुं मा
मायादार आंखियुं का सुपिन्या उड़ी गैनी, मायादार आंखियुं का सुपिन्या उड़ी गैनी
उड़ी गैनी , उड़ी गैनी
हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी, हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी ।
छुँयुं मा मिसे गिन पंदेरो मा पंदेनी, छुँयुं मा मिसे गिन पंदेरो मा पंदेनी
भाँडी भुरेगिनी तौंकी छुँई नी पुरेनी बे
छुँई नी पुरेनी, बे छुँई नी पुरेनी
खल्ल ख़ते , ख़ते, खल्ल ख़ते घाम मुखडि़युं मा
पितल्याणा मुखड़ी सोना की बणी गैनी, पितल्याणा मुखड़ी सोना की बणी गैनी
बणी गैनी , बणी गैन
हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी, हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी ।
दोफ़रा मा लगी जब बणु मा घाम तैलू, खोपरा मा लगी जब बणु मा घाम तैल
बैठि गिनी घसेनी बिसै की डाला छैल
बिसै की डाला छैलु , बिसै की डाला छैलु
गर्र निंद , निंद , गर्र निंद पोडी़ छैलु मा
आयि पतरोल अर घसेनी लुछे गैनी, आयि पतरोल अर घसेनी लुछे गैनी
बणी गैनी , बणी गैनी
हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी, हिंवांली काँठी चांदि कि बणी गैनी ।
ब्यकुनी को सिलु घाम पैटण बैठी गे, ब्यकुनी को सिलु घाम पैटण बैठी गे
डाडियुं का पेछेडि जोन हैसण बैठी गे बे
हैसण बैठी गे, बे हैसण बैठी गे
झम्म रात , रात , झम्म रात पोडी़ रौलियुं मा
भौन, पंक्षि, डांडि, डालि वोटि सेयी गैनी, भौन, पंक्षि, डांडि, डालि वोटि सेयी गैनी
सेयी गैनी, सेयी गैनी
भौन, पंक्षि, डांडि, डालि वोटि सेयी गैनी, भौन, पंक्षि, डांडि, डालि वोटि सेयी गैनी
भौन, पंक्षि, डांडि, डालि वोटि सेयी गैनी, भौन, पंक्षि, डांडि, डालि वोटि सेयी गैनी......
गढ़वाली गीत - हे मेरी आंख्युं का रतन
हे मेरी आंख्युं का रतन
बाला स्ये जादी,बाला स्ये जादी
दूध भात दयोलू मी ते तैन
बाला स्ये जादी-२
हे मेरी आंख्युं का रतन
बाला स्ये जादी-४
मेरी औंखुडी पौन्खुड़ी छै तू, मेरी स्याणी छै गाणी
मेरी स्याणी छै गाणी
मेरी जिकुड़ी उकुड़ी ह्वेल्यु रे स्येजा बोल्युं मानी
स्येजा बोल्युं मानी
न हो जिधेर ना हो बाबु जन बाला स्ये जादी
दूध भात दयोलू मी ते तैन,बाला स्ये जादी
तेरी घुन्द्काली तू की मुट्ठ्युं मा मेरा सुखी दिन बुज्याँन
मेरा सुखी दिन बुज्याँन
तेरी टुरपुरि तों बाली आंख्युं मा मेरा सुप्न्या लुक्याँन
मेरा सुप्न्या लुक्याँन
मेरी आस सांस तेम ही छन बाला स्ये जादी
हे मेरी आंख्युं का रतन, बाला स्ये जादी
हे पापी निंद्रा तू कख स्येंयी रैगे आज
स्येंयी रैगे आज
मेरी भांडी कुण्डी सुचण रै ग्येनी, घर बोण कु काम काज
घर बोण कु काम काज
कब तै छनटेलु क्या बोन क्या कन, बाला स्ये जादी
दूध भात दयोलू मी ते तैन,बाला स्ये जादी
घात सार सारी की लै ग्येनी, पंदेरों बटी पंदेनी
पंदेरों बटी पंदेनी,
बाणु पैटी ग्येनी मेरी धौडया दगडया लखड्वेनी घस्येनी
लखड्वेनी घस्येनी
क्या करू क्या नि करू जतन बाला स्ये जादी
हे मेरी आंख्युं का रतन,बाला स्ये जादी
घर बौडू नि व्हायु जू गै छौ झुरै की मेरी जिकुड़ी
झुरै की मेरी जिकुड़ी
बिसरी जांदू वीं खैरी बिपदा हेरी की तेरी मुखड़ी
सम्लौ न वो बात वो दिन बाला स्ये जादी
दूध भात दयोलू मी ते तैन,बाला स्ये जादी
बाला स्ये जादी-4
मेरा डांडी काण्ठियों का मुलुक-
मेरा डांडी काण्ठियों का मुलुक जैल्यु, बसन्त ऋतू मा जैयि -२
हैर बण मा बुराँसि का फूल, जब बण आग लगाण होला..
पीता पाखों थैं फ्योलिं का फूल, पिन्ग्ला रंग मा रंग्याण होला ..
ळाइयां पैयां ग्वीराल फूलु ना-२, होलि धर्ति सजि देखि ऐइ …
बसन्त ऋतू मा जैयि…
मेरा डांडि....
रन्गील फागुन होल्येरोन कि टोलि, डांडि कांठियों रंग्यणि होलि...
कैक रंग म रंग्युं होलु क्वियि, क्वि मनि-मन म रंग्श्याणि होलि..
किर्मिचि केसरि रंग कि बाढ-२, प्रेम क रंगों मा भीजि ऐइ...
बसन्त ऋतू मा जैयि….
मेरा डांडि....
बिन्सिरि देय्लिओं मा खिल्दा फूल, राति गों-गों गितेरुं का गीत...
चैता का बोल, ओजियों का ढोल, मेरा रोंतेला मुलुकै कि रीत...
मस्त बिग्रैला बैखुं का ठुम्का-२, बांदूं का लस्सका देखि ऐइ....
बसन्त ऋतू मा जैयि….
मेरा डांडि....
सैणा दमला र चैतै बयार, घस्यरि गीतों मा गुंज्दि डांडि...
खेल्युं मा रंग-मत ग्वेर छोरा, अट्क्दा गोर घम्डियंदि घंडि..
वखि फुन्डे होलु खत्युं मेरु भि बच्पन, -२ ऊक्रि सक्लि त ऊक्रि कि लैयि...
बसन्त ऋतू मा जैयि….
मेरा डांडी काण्ठियों का मुलुक जैल्यु,
बसन्त ऋतू मा जैयि….
बसन्त ऋतू मा जैयि….
ऐजदी भग्यानी-गढ़वाली गीत
चिठ्युं का आखर अब ज्यू नि बेल मोंदा,
बुसील्या रैबार तेरा आस नी बंधौन्दा -२
ऐजदी भग्यानी, ऐजदी भग्यानी -२
ऐजदी भग्यानी ईं ज्वानि का छौन्दा-२
ऐजदी भग्यानी ईं ज्वानि का छौन्दा-२
रांका बाल बाली काली रात नि ब्याणी, मेरी रात नि ब्याणी ।
रात नि ब्याणी, मेरी रात नि ब्याणी ।
उंसी का बुंदुन चुची तीस नि जाणी मेरी तीस नि जाणी ।
तीस नि जाणी मेरी तीस नि जाणी ।
पंद्रह पचिस्या दिन सदानि नि रौंदा -२
ऐजदी भग्यानी अर..र..र..र..र.र..र..रा..
ऐजदी भग्यानी ईं ज्वानि का छौन्दा-२
ऐजदी भग्यानी ईं ज्वानि का छौन्दा-२
रुड्युं का घामुन खैरया आंसूनी सुखदा, भगी आंसूनी सुखदा ।
आंसूनी सुखदा, भगी आंसूनी सुखद ।
जेट की बरखा न पाडु छोयां नी फ़ुटदा भगी छोरि छोयां नी फ़ुटदा ।
छोयां नी फ़ुटदा छोरि छोयां नी फ़ुटदा ।
बारमास फ़ूल खिल्यां डाल्युं मां नि रौंदा-२
ऐजदी भग्यानी छांटो रे छाटो रे छांटो छाटो..
ऐजदी भग्यानी ईं ज्वानि का छौन्दा-२
ऐजदी भग्यानी ईं ज्वानि का छौन्दा-२
आस को आसरो तेरी खुद ज्यूणो सारो, भगी खुद ज्यूणो सारो ।
खुद ज्यूणो सारो, भगी खुद ज्यूणो सारो ।
जथा हिटूं त्वे जथैईं बाटु फारु-फ़ारु, चुची बाटु फारु-फ़ारु ।
बाटु फारु-फ़ारु, चुची बाटु फारु-फ़
लस्का ढसका मा-गढ़वाली सदाबहार गीत
लस्का ढसका मा चली तेरी फौन्दी धौंपेली-2
कभी यी पाली लस्स कभी वीं पली लस्स
कभी ये छोड़ लस्स कभी वे छोड़ लस्स
लस्का ढसका मा चली मेरी फौन्दी धौंपेली-२
कभी यी पाली लस्स कभी वीं पली लस्स
कभी ये छोड़ लस्स कभी वे छोड़ लस्स
लस्का ढसका मा चली तेरी फौन्दी धौंपेली हाँ चली
तेरी छाली आंखियुंन छले धरम इमान
तेरी जाली मायान बणे दुनिया बेमान
तेरी छाली आंखियुंन छले धरम इमान
तेरी जाली मायान बणे दुनिया बेमान
मेरी बाली जवानी का चिफ्ला बाठों हिटी-२
कभी हे कभी हे कभी क्वी रौडी घस्स कभी क्वी रौडी घस्स
कभी ये छोड़ लस्स कभी वे छोड़ लस्स
लस्का ढसका मा चली तेरी फौन्दी धौंपेली हाँ चली
बिरडी गेनी भला भला लोग ठुमकों मा मेरा
अल्झी गेनी कन कना जोगी झुमकों मा मेरा
बिरडी गेनी भला भला लोग ठुमकों मा मेरा
अल्झी गेनी कन कना जोगी झुमकों मा मेरा
तेरा ठुमकों देखि तेरा घुंगरू सुणी-२
कभी हे कभी हो कभी हिया मा टुर्र कभी जिकुड़ी मा झस्स
कभी यी पाली लस्स कभी वीं पली लस्स
लस्का ढसका मा चली मेरी फौन्दी धौंपेली
पौणा चली जला भोल लेकी डोला बारात
अद्बटा मा न छोड़ बिन्गै जा पूरी बात
मैम राली समुण तेरी मुल मुल हैन्सी-२
कभी मुख फेरी ठस कभी मै देखि ठस
कभी ये छोड़ लस्स कभी वे छोड़ लस्स
लस्का ढसका मा चली मेरी फौन्दी धौंपेली हाँ चली-2
कभी यी पाली लस्स कभी वीं पली लस्स
कभी ये छोड़ लस्स कभी वे छोड़ लस्स
कभी यी पाली लस्स कभी वीं पली लस्स
कभी ये छोड़ लस्स कभी वे छोड़ लस्स।।
Hathan Whiskey Pilayi Phool Ne Pilayo Rum
हाथ न व्हिस्की पिलाई, फूल न पिलायो रम
छोटा दल, निर्दलीय दिदो न कच्ची मा टरकाया हम
ऐसु चुनुओ मा मजा ही मजा
हो हो हो हो हो
ऐसु चुनुओ मा मजा ही मजा
दारू भी रूपया भी ठम-ठम
हाथ न व्हिस्की पिलाई, फूल न पिलायो रम
सुबेरा पैक पे घड़ी दगडी,
दिन का पैक साईकिल मा चडी
बियाखुन कुर्सीम टम-टम पड़ी
रात म हाथी मा बैठी की तड़ी
ऐसु चुनुओ मा ठाठ ही ठाठ
हो हो हो हो हो
ऐसु चुनुओ मा ठाठ ही ठाठ
प्रत्याशी पैदल अर घोड़ा मा हम
हाथ न व्हिस्की पिलाई, फूल न पिलायो रम
आज ये दल मा, भोल वे दल मा
दल बदलिन नेतौन हर पल मा
हमरी भी दारू की ब्रांड बदलिन
कभी सोडा कोक मा कभी गंगा जल मा
ऐसु चुनौ मा ठाठ ही ठाठ
हो हो हो .....हो
ऐसु चुनौ मा ऐस ही ऐस
देशी विदेशी local हजम
हाथ ..........
मुर्गो की टांग च बखरो की रान च
हाथ मा सिगरेट मुख मा पान च
जुगराज रया मेरा लोकतन्त्र
तेरा प्रताप गरीबो की शान च
पहली नि छो पता अब चलिगे
हो हो हो हो हो
पहली नि छो पता अब चलिगे
Vote की चोट मा कथगा दम
हाथ ...............
हवेगे चुनोऊ सरकार बणीगे
क्वी मवशी बणी क्वी उजड़ी गे
अब नि दिखेणा क्वी ल्योण वाला
खाली ह्वे बोतल नशा उडिगे
चिफला का राज कै मौज मरेन
हो हो हो हो हो
चिफला का राज कै मौज मरेन
जुंगो का राज मा ठम -ठम
हाथ न whisky पिलाई, फूल न पिलायो रम
छोटा दल, निर्दलीय दिदो न कच्ची मा टरकाया हम
ऐसु चुनुओ मा मजा ही मज़ा
ओटूवा वेलेणा
ओटूवा वेलेणा ओटूवा वेलेणा
मेरु रेशमी रुमैला ओटूवा वेलेणा ओटूवा वेलेणा-२
जायान बागीता ऐजाणु खेलेणा
मेरी रेशमी रुमैला ...................
ताकुलू ऊनी कु ताकुलू ऊनी कु
मेरु रश्मि रूमेला ताकुलू ऊनी कु
कनु भालू लगदु उज्यालू जुनीकू
मेरी रश्मि ..........................
बेडू पक्या बोरू -बेडू पक्या बोरू
मेरु रश्मि रूमेला बेडू पक्या बोरू
उज्यालू जुनीकू मै याखुल्या डोरू
मेरु रश्मि रूमेला मै याखुल्या डोरू
चीने इ भड़ेती, चीने इ भड़ेती
मेरु रश्मि रूमेला चीने इ भड़ेती -2
तू याखुल्या डोरू मी दियुलू आडेती
मेरु रश्मि रूमेला मी दियुलू आडेती
पाणी को गाजर पाणी को गागर
मेरी रश्मि रूमेला पाणी को गागर
कन भालू लगादु नोगाऊ बाजार -2
मेरु रश्मि रूमेला नोगाऊ बाजार
धरती हमरा गढ़वाल की
धरती हमरा गढ़वाल की…
धरती हमरा गढ़वाल की …
कथगा रौतेली स्वाणी चा….
हो हो….
कथगा रौतेली स्वाणी चा।
पंच बद्री, पंच केदार , पंच प्रयाग
यखी छन ।
पंच बद्री, पंच केदार , पंच प्रयाग
यखी छन ।।
पंच पंडो यखी छन ..
भाग हमरा धन धन …
कुंड छन ,यक ताल छन ।
मठ यखे महान छन ।।
ताल सहस्त्र, घाटी फुलू की
आसमान छन ।
गंगा ,जमुना यखी बटी सबु
की भूख तीस बुझानी चा।
धरती हमरा गढ़वाल की …
कथगा रौतेली स्वाणी चा।
डांडी कंठीयो का देखा, लैंजा लग्यान
लैंजा लग्यान।
देवतों की धरती मा, मनखी बस्यान
मनखी बस्यान चा….
धरती हमरा गढ़वाल की…
धरती हमरा गढ़वाल की …
कथगा रौतेली स्वाणी चा….
हो हो….
देवदार बुरांश ,बाज ,कुलीन ,
पाया डाली देबतो की रोपी,
मनखु की पाली च…
हो हो…..
भेद, देव देवता मनखी को,
डोरू थाली मिटानी चा…
धरती हमरा गढ़वाले की
कथगा रौतेली स्वाणीचा….
पतिव्रता नारी यख,बांद किसान छन
बांद किसान छन ।
तीलू रौतेली यख,रामी बौराण छन
रामी बौराण छन।
भडू पवाडा सुणा, वीरों का देखा गढ़।
नरसिंह ,नागराजा, पंडो का देखा रण।।
तुम ते लाकुड़ दमो ढोलकी,
धाईं लगे कि, भटीयाणी च..
धरती हमरा गढ़वाल की…
धरती हमरा गढ़वाल की …
कथगा रौतेली स्वाणी चा….
हो हो….
ना जा – ना जा तौं भेळू पखाण
ना जा – ना जा तौं भेळू पखाण, जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
ना जा – ना जा तौं भेळू पखाण, जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
आंण नि देन्दी तू सरकारि बोण, गौर भैंस्यूं मिन क्या खलांण?
आंण नि देन्दी तू सरकारि बोण, गौर भैंस्यूं मिन क्या खलांण?
ना जा – ना जा – ना जा हे ना जा,
ना जा – ना जा तौं भेळू पखाण, जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
तेरि भों मि पतरोळ कखी भि जौऊँ, तू ड्यूटी समाळ जंगळ बचौऊं
तेरि भों मीं पतरोळ कखी भी जोंऊँ, तू ड्यूटी समाळ जंगळ बचौऊं
भेळ उन्द पोडु मीं डाळा उन्द मोरू चा जंगळ चोरु मिन घास ली जांण, गौरू भैंस्यूं थें क्या खलांण
ना जा तौं भेळू पखाण, जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
आंण नि देन्दी तू सरकारि बोण, गौर भैंस्यूं थें मिन क्या खलांण
गुन्दक्याळी खुट्टी तेरि खस्स रैड़ीली, पट्ट मोरि जेलि भेळ उन्द पोड़ीली
गुन्दक्याळी खुट्टी तेरि खस्स रैड़ीली, पट्ट मोरि जेलि भेळ उन्द पोड़ीली
तेरि दाथी चदीरिल, गौर-बछूरूल, सासु ससुरोंल खौळ्यूं रै जाण- जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
आंण नि देन्दी तू सरकारि बोण, गौर भैंस्यूं मिन क्या खलांण
ना जा – ना जा – ना जा हे ना जा,
ना जा – ना जा तौं भेळू पखाण, जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
बण भी सरकारी तेरो मन भी सरकारी, तिन क्या सम्झिण हम लोगु कि खैरी
बण भी सरकारी तेरो मन भी सरकारी, तिन क्या सम्झिण हम लोगु कि खैरी
जब बण जौला लाखुड़ घास लोंला, और भैंसी पिजोला तब चुल्लू जगांण, नौनळ निथर भुखि सेजांण..
ना जा – ना जा तौं भेळू पखाण, जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
आंण नि देन्दी तू सरकारि बोण, गौर भैंस्यूं मिन क्या खलांण
पाड़ै बेटी-ब्वार्यू कू बण ही च सारु, जणदु छौं मी भी- पर क्याजि कारू?
पाड़ै बेटी-ब्वार्यू कू बण ही च सारु, जणदु छौं मी भी- पर क्याजि कारू?
दया जु आली, साबन सुण्याली त नौकरी जाली मेरी छुट्टी ह्वै जांण, बाल-बच्चों मिन क्या खलाण?
आंण नि देन्दी तू सरकारि बोण, गौर भैंस्यूं मिन क्या खलांण
ना जा – ना जा – ना जा हे ना जा,
ना जा – ना जा तौं भेळू पखाण, जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
आंण नि देन्दी तू सरकारि बोण, गौर भैंस्यूं मिन क्या खलांण
जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
गौर भैंस्यूं मिन क्या खलांण
जिदेरी घसेरी बोल्यूं माण
गौर भैंस्यूं मिन क्या खलांण
गाड़ो गुलाबंद-
गाड़ो गुलाबंद, गुलबंद को नगीना
त्वै तैं मेरी सासू ब्वारी युं की अगीना
अरे गाड़ो गुलाबंद, गुलबंद को नगीना
त्वै तैं मेरी सासू ब्वारी युं की अगीना
अरे गाड़ो गुलाबंद, गुलबंद को नगीना
त्वै तैं मेरी सासू ब्वारी युं की अगीना
सरर्या दिन रैंदु स्वामी जी, डान्डीयौ सारी
फिर भी सासू मा, कर्राट च भारी
गाड़ो गुलाबंद, गुलबंद को नगीना
त्वै तैं मेरी सासू ब्वारी युं की अगीना
सासू बैठी रैंदी चौक तिबारी मा
रवटी मीथा देंदी, लूणा की गारी मा
गाड़ो गुलाबंद, गुलबंद को नगीना
त्वै तैं मेरी सासू ब्वारी युं की अगीना
लती कपडियों थे, कनकवे मिल लौण पैरणा
सासू जील यामा, बिदोन कैरणा
गाड़ो गुलाबंद, गुलबंद को नगीना
त्वै तैं मेरी सासू ब्वारी युं की अगीना
में से नि रयांदु सासू की जेल मा
स्वामी जी घौर आवा बैठिकी रेल मा
गाड़ो गुलाबंद, गुलबंद को नगीना
त्वै तैं मेरी सासू ब्वारी युं की अगीना
सासू जी उठांदी मि, आधा रात मा
मिल त चली जाणा, स्वामी का साथ मा
गाड़ो गुलाबंद, गुलबंद को नगीना
त्वै तैं मेरी सासू ब्वारी युं की अगीना
यह थे पुराने गढ़वाली गीतों के लिरिक्स। आशा है ये सभी गीत आपने अवश्य गुनगुनाये होंगे। इनमें से आपका कौन सा पसंदीदा गीत है ? नीचे दिए कमेंट बॉक्स में लिखें और शेयर करें।