हरेला पर्व 2025: ‘एक पेड़ - माँ के नाम’ अभियान से पर्यावरण संरक्षण की नई पहल
देहरादून, 12 जुलाई 2025।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर इस वर्ष हरेला पर्व को खास बनाने के लिए एक व्यापक और भावनात्मक पहल शुरू की गई है। ‘एक पेड़ - माँ के नाम’ थीम के अंतर्गत 16 जुलाई को प्रदेशभर में वृहद पौधरोपण अभियान चलाया जाएगा, जिसका उद्देश्य केवल पर्यावरण संरक्षण नहीं, बल्कि समाज को अपनी सांस्कृतिक और भावनात्मक जड़ों से भी जोड़ना है।
इस विशेष अवसर पर एक ही दिन में 5 लाख से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अभियान के तहत गढ़वाल मंडल में 3 लाख तथा कुमाऊं मंडल में 2 लाख पौधों का रोपण किया जाएगा, जो प्रदेश के इतिहास में एक नया पर्यावरणीय कीर्तिमान होगा। इस ऐतिहासिक प्रयास को सफल बनाने के लिए शासन स्तर से लेकर स्थानीय प्रशासन तक सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया कि यह पर्व केवल एक पर्यावरणीय कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनभागीदारी का पर्व होगा। उन्होंने कहा कि "हरेला पर्व हमारी परंपरा, संस्कृति और प्रकृति से जुड़ने का सबसे सुंदर अवसर है। इस बार हम सभी मिलकर इसे एक हरित जनआंदोलन बनाएंगे।"
इस अभियान में विभिन्न विभागों, शिक्षण संस्थानों, एनसीसी, एनएसएस, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, विभागीय कर्मचारियों और आम जनता की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई है। पौधरोपण अभियान के अंतर्गत पौधे सार्वजनिक स्थानों, वनों, नदी किनारों, स्कूलों, कॉलेजों, पार्कों और आवासीय परिसरों में रोपे जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पर्यावरणीय दृष्टिकोण से प्रेरित होकर उत्तराखण्ड सरकार ने हरेला पर्व को प्रकृति संरक्षण के जनआंदोलन के रूप में स्थापित करने की दिशा में सार्थक पहल की है। मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में हरेला, इगास, फूलदेई, बटर फेस्टिवल और घी संक्रांत जैसे पारंपरिक पर्वों को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिली है।
‘एक पेड़ - माँ के नाम’ न केवल एक पौधरोपण अभियान है, बल्कि यह माँ के प्रति सम्मान और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का भावनात्मक माध्यम भी है। उत्तराखण्ड सरकार का यह प्रयास आने वाली पीढ़ियों के लिए हरित भविष्य की ओर एक सशक्त कदम है।