चारधाम यात्रा 2025: श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी, अब 25 स्थानों पर मिलेगी ई-व्हीकल चार्जिंग की सुविधा

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देहरादून, 15 मई 2025 — चारधाम यात्रा 2025 में इलेक्ट्रिक वाहन से यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक अच्छी खबर है। उत्तराखंड सरकार ने इस बार की यात्रा को पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए विशेष तैयारी की है। अब चारधाम यात्रा मार्ग पर 25 स्थानों पर ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन शुरू कर दिए गए हैं, जिससे ई-वाहनों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी जा रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस वर्ष यात्रा को "ग्रीन चारधाम यात्रा" की थीम पर आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में परिवहन विभाग और टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (THDC) के सहयोग से कुल 38 चार्जिंग स्टेशन विकसित किए जा रहे हैं। इनमें से 25 स्टेशन अब तक चालू हो चुके हैं।

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चार्जिंग स्टेशन ज्यादातर गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) की संपत्तियों पर लगाए गए हैं। हर स्टेशन पर 60 किलोवाट क्षमता के यूनिवर्सल चार्जर लगाए गए हैं, जिनमें दो 30-30 किलोवाट की चार्जिंग गन मौजूद हैं, जिससे तीर्थयात्रियों को सुविधा मिल रही है।

GMVN के प्रबंध निदेशक विशाल मिश्रा ने जानकारी दी कि ग्रीन चारधाम यात्रा को सफल बनाने के लिए मुख्य पड़ावों पर चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की गई है। अकेले रुद्रप्रयाग जिले में पर्यटन विभाग द्वारा संचालित चार GMVN गेस्ट हाउसों में ये स्टेशन लगाए गए हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘ग्रीन इंडिया’ दृष्टिकोण के तहत चारधाम यात्रा को हरित और टिकाऊ बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यह पहल न सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए यात्रा को आसान बनाएगी, बल्कि राज्य को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में भी अहम साबित होगी।”

ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन उत्तरकाशी, हरिद्वार, ऋषिकेश, मंगलौर, रुड़की, बड़कोट, स्यानाचट्टी, फूलचट्टी, जानकीचट्टी, कौडियाला, श्रीनगर, श्रीकोट, गौचर, कर्णप्रयाग, गैरसैंण, कालेश्वर, नंदप्रयाग, पीपलकोटी, औली, पांडुकेश्वर, बद्रीनाथ, स्यालसौड़, गुप्तकाशी, सोनप्रयाग और घनसाली जैसे महत्वपूर्ण स्थलों पर स्थापित किए गए हैं।

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सरकार का लक्ष्य है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित कर पर्यावरण संरक्षण, जिम्मेदार पर्यटन और हरित पर्यटन को नई दिशा दी जा सके। चारधाम यात्रा में शामिल हो रहे श्रद्धालु अब न केवल आस्था की यात्रा कर सकेंगे, बल्कि पर्यावरण की रक्षा में भी भागीदार बनेंगे।