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Lyrics-Hind Desh Ke Niwasi | हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं।

On: November 3, 2025 8:09 PM
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hind desh ke niwasi

हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं (Hind Desh Ke Niwasi, Sabhi Jan Ek Hain) -प्रस्तुत देशभक्ति गीत पद्मश्री विनय चंद्र मौदगल्य द्वारा रचित है। यह गीत वर्षों से भारत के विभिन्न विद्यालयों में प्रार्थना के रूप में हर दिन गाई जाती है। इसके अलावा राष्ट्रीय पर्वों पर यह गीत अनेक जगहों पर बजता है। 

इस गीत के द्वारा बच्चों में भारत की एकता और अखंडता के बारे में बताया गया है तथा उन्हें इस बात के लिए भी प्रेरित किया गया है कि वे भारत के सभी राज्यों की भाषा में अन्तर्निहित देश प्रेम की भावना के प्रति समझ विकसित करें।

Hind Desh Ke Niwasi Lyrics in Hindi | हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं गीत के लिरिक्स –

हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं,
रंग रूप वेश भाषा चाहे अनेक हैं।
हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं,
रंग रूप वेश भाषा चाहे अनेक हैं।
 
बेला गुलाब जूही चम्पा चमेली
बेला गुलाब जूही चम्पा चमेली,
प्यारे-प्यारे फूल गूंथे माला में एक हैं,
प्यारे-प्यारे फूल गूंथे माला में एक हैं।
हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं,
रंग रूप वेश भाषा चाहे अनेक हैं।
 
कोयल की कूक न्यारी पपीहे की टेर प्यारी
कोयल की कूक न्यारी पपीहे की टेर प्यारी,
गा रही तराना बुलबुल राग मगर एक है
गा रही तराना बुलबुल राग मगर एक है।
हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं
रंग रूप वेश भाषा चाहे अनेक हैं।
 
गंगा यमुना ब्रह्मपुत्र कृष्णा कावेरी
गंगा यमुना ब्रह्मपुत्र कृष्णा कावेरी,
जाके मिल गयी सागर में हुई सब एक हैं
जाके मिल गयी सागर में हुई सब एक हैं।
हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं।
रंग रूप वेश भाषा चाहे अनेक हैं।
 
हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं।
रंग रूप वेश भाषा चाहे अनेक हैं।

हिन्द देश के निवासी…..

Hind Desh ke Niwasi Lyrics in English-

 
Hind Desh Ke Niwasi Sabhi Jan Ek Hain.
Rang Rup Vesh Bhasha Chahe Anek Hain.
Hind Desh Ke Niwasi Sabhi Jan Ek Hain.
Rang Rup Vesh Bhasha Chahe Anek Hain.
 
Bela Gulab Juhi Champa Chameli.
Pyare-Pyare Phool Ghoonthe Mala Me Ek Hain.
Hind Desh Ke Niwasi Sabhi Jan Ek Hain.
Rang Rup Vesh Bhasha Chahe Anek Hain.
 
Ganga Yamuna Brahmaputra Krishna Kaveri.
Jaker Mil Gayi Sagar Me Hui Sab Ek Hain.
Hind Desh Ke Niwasi Sabhi Jan Ek Hain.
Rang Rup Vesh Bhasha Chahe Anek Hain.
 
Koyal Ki Kook Pyari Papaiye Ki Ter Nyari.
Koyal Ki Kook Pyari Papaiye Ki Ter Nyari.
Gaa Rahi Tarana Bulbul Raag Magar Ek Hain.
Hind Desh Ke Niwasi Sabhi Jan Ek Hain.
Rang Rup Vesh Bhasha Chahe Anek Hain.
 
Hind Desh Ke Niwasi Sabhi Jan Ek Hain.
Rang Rup Vesh Bhasha Chahe Anek Hain.
 

-Vinay Chandra Maudgalya

यह गीत बच्चों को यह सिखाता है कि —

  • भारत में भले ही भाषा, वेशभूषा, रंग-रूप और परंपराएँ अलग-अलग हों,

  • लेकिन हम सब एक ही मातृभूमि “भारत माता” के पुत्र हैं।

गीत की विशेषताएँ 

  • यह गीत कई विद्यालयों की प्रार्थना सभा में प्रतिदिन गाया जाता है।
  • यह गीत राष्ट्रीय एकता दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और अन्य अवसरों पर भी गूंजता है।

  • इसके बोल सरल, संगीतमय और गहरे अर्थों से भरे हुए हैं — “गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, कृष्णा, कावेरी” जैसे प्रतीकों के माध्यम से यह पूरे देश की नदियों, भाषाओं और संस्कृतियों को एक सूत्र में बाँधता है।

Vinod Singh Gariya

ई-कुमाऊँ डॉट कॉम के फाउंडर और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर हैं। इस पोर्टल के माध्यम से वे आपको उत्तराखंड के देव-देवालयों, संस्कृति-सभ्यता, कला, संगीत, विभिन्न पर्यटक स्थल, ज्वलन्त मुद्दों, प्रमुख समाचार आदि से रूबरू कराते हैं।

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