उत्तराखंड कैबिनेट बैठक: युवाओं, महिलाओं और भूतपूर्व सैनिकों के लिए नई रोजगार नीति।

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य हित से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में महिलाओं, युवाओं और भूतपूर्व सैनिकों के लिए अलग-अलग रोजगार नीतियाँ तैयार करने का निर्णय लिया गया है, जिससे रोजगार के साधन बढ़ाने और कौशल विकास को गति मिलेगी।

युवाओं के लिए प्रशिक्षण और रोजगार मेले

कैबिनेट ने निर्णय लिया कि युवाओं को सरकारी सेवाओं, नीट, नर्सिंग, विदेशी भाषाओं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही बड़े स्तर पर युवा महोत्सव और रोजगार मेलों का आयोजन किया जाएगा, जिससे युवाओं को रोजगार और करियर के अवसर मिल सकें।

व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आईटीआई, पॉलिटेक्निक और स्कूल आपसी समन्वय से कार्य करेंगे। रोजगार से जोड़ने के लिए अल्पकालिक, मध्यमकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं पर भी काम किया जाएगा।

महिलाओं और युवाओं के लिए स्वरोजगार योजनाएँ

महिलाओं और युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सरकार ने मौन पालन, एप्पल मिशन और बागवानी जैसी योजनाएँ शुरू करने का निर्णय लिया है। प्रारंभिक चरण में प्रत्येक ब्लॉक में 200 लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

कृषि और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा

कैबिनेट ने राज्य में स्वैच्छिक चकबंदी योजना लागू करने का निर्णय लिया है। साथ ही कृषि विभाग और आईटीबीपी के बीच एमओयू किया गया है, जिसके अंतर्गत स्थानीय फल, सब्जियों और दूध की खरीद सुनिश्चित होगी।
स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एसएसबी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ भी एमओयू किए जाएंगे। उद्योग विभाग के माध्यम से निजी क्षेत्रों में मार्केट लिंकेज की व्यवस्था होगी।

भूतपूर्व सैनिकों के लिए अवसर

भूतपूर्व सैनिकों को उपनल के माध्यम से रोजगार और स्वरोजगार उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा और उनकी योग्यता के आधार पर विभिन्न संस्थानों में सेवाओं का अवसर प्रदान किया जाएगा।

अपराध पीड़ित सहायता और साक्षी संरक्षण योजना

कैबिनेट ने "उत्तराखण्ड अपराध से पीड़ित सहायता (संशोधन) योजना, 2025" को मंजूरी दी। इसके अंतर्गत पोक्सो पीड़ितों के लिए न्यूनतम एवं अधिकतम क्षतिपूर्ति राशि निर्धारित की जाएगी।
साथ ही "उत्तराखण्ड साक्षी संरक्षण योजना, 2025" को भी मंजूरी दी गई है। इस योजना का उद्देश्य न्यायालय में गवाही देने वाले साक्षियों को भय, दबाव या प्रतिशोध से मुक्त रखते हुए सुरक्षित वातावरण प्रदान करना है। इसके तहत पहचान गोपनीयता, स्थान परिवर्तन, सम्पर्क विवरण में बदलाव, भौतिक सुरक्षा और वित्तीय सहायता जैसी व्यवस्थाएँ की जाएंगी।

सरकार का कहना है कि यह निर्णय राज्य की न्याय व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाने में सहायक सिद्ध होंगे।

विनोद सिंह गढ़िया

ई-कुमाऊँ डॉट कॉम के फाउंडर और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर हैं। इस पोर्टल के माध्यम से वे आपको उत्तराखंड के देव-देवालयों, संस्कृति-सभ्यता, कला, संगीत, विभिन्न पर्यटक स्थल, ज्वलन्त मुद्दों, प्रमुख समाचार आदि से रूबरू कराते हैं। facebook youtube x whatsapp

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