केदारनाथ धाम यात्रा ने एक माह में बनाए नए रिकॉर्ड, श्रद्धालुओं की संख्या ने पार किया 7 लाख का आंकड़ा।
रुद्रप्रयाग, 01 जून 2025 –
उत्तराखण्ड की आस्था का केंद्र और चारधाम यात्रा का प्रमुख पड़ाव श्री केदारनाथ धाम एक बार फिर रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालुओं के आगमन से सुर्खियों में है। बाबा केदार के कपाट खुलने के एक महीने के भीतर ही 7 लाख से अधिक तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। प्रतिदिन औसतन 24 हजार श्रद्धालु केदारपुरी पहुंच रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यात्रा के बढ़ते प्रभाव को राज्य की संस्कृति और आस्था की धुरी बताया। उन्होंने कहा, "सरकार का लक्ष्य केवल श्रद्धालुओं को सुविधा देना नहीं, बल्कि स्थानीय युवाओं, महिलाओं और व्यापारियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।"
₹100 करोड़ का होटल-रेस्तरां कारोबार
गौरीकुंड व्यापार संघ अध्यक्ष श्री रामचंद्र गोस्वामी ने बताया कि एक महीने में आए तीर्थयात्रियों की वजह से होटल, ढाबा एवं रेस्तरां व्यवसाय में ₹100 करोड़ से अधिक का कारोबार हुआ है। इससे स्थानीय व्यापारियों को भारी आर्थिक लाभ हुआ है।
जीएमवीएन प्रतिष्ठानों को ₹3.8 करोड़ की आय
गर्वनमेंट गेस्ट हाउस (GMVN) के 15 प्रतिष्ठानों – जिनमें प्रसिद्ध ध्यान गुफा भी शामिल है – ने अकेले इस एक महीने में ₹3.80 करोड़ की आमदनी दर्ज की है।
घोड़े-खच्चरों से ₹40 करोड़ की आय
गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक 20 किमी के ट्रैक पर असमर्थ यात्रियों और सामान को पहुंचाने वाले घोड़े-खच्चर सेवाओं से अब तक ₹40.50 करोड़ की आमदनी हुई है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष रावत के अनुसार अब तक 1,39,444 श्रद्धालु इन सेवाओं का लाभ ले चुके हैं।
हेलिकॉप्टर सेवा से ₹35 करोड़ की कमाई
जिला पर्यटन अधिकारी और हेली सेवा नोडल अधिकारी श्री राहुल चौबे ने बताया कि 8 हेली कंपनियों द्वारा 9 हेलीपैड्स से संचालित सेवाओं से अब तक 33,000 से अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं, जिससे ₹35 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है।
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डंडी-कंडी सेवाएं भी बनीं सहारा
7,000 से अधिक पंजीकृत डंडी-कंडी संचालकों ने अब तक 29,275 यात्रियों को सेवा दी है। इससे ₹1.16 करोड़ की आय हुई है। वहीं, नियमों के उल्लंघन पर कुल ₹2.26 लाख का जुर्माना भी वसूला गया।
शटल टैक्सी सेवा से ₹7 करोड़ की आमदनी
सहायक परिवहन अधिकारी श्री कुलवंत सिंह चौहान के अनुसार, 225 पंजीकृत टैक्सियों के माध्यम से अब तक ₹7 करोड़ की आमदनी हुई है। महिला और बुजुर्ग यात्रियों के लिए 25 विशेष वाहन आरक्षित किए गए हैं।
श्री केदारनाथ धाम यात्रा अब सिर्फ धार्मिक यात्रा नहीं रही, बल्कि यह राज्य की आस्था, संस्कृति और आर्थिक समृद्धि की पहचान बन चुकी है। सरकार और स्थानीय प्रशासन के प्रयासों से जहां श्रद्धालुओं को सुविधाएं मिल रही हैं, वहीं स्थानीय लोगों के लिए यह यात्रा रोजगार और आय का बड़ा माध्यम बन गई है।