कैंची धाम मेला 2025: उत्तराखंड पुलिस की है ये ख़ास तैयारी।


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नैनीताल। हर साल की तरह, इस बार भी 15 जून 2025 को बाबा नीम करोली महाराज के पावन स्थापना दिवस पर उत्तराखंड के प्रसिद्ध कैंची धाम में विशाल मेले का आयोजन होने जा रहा है। यह मेला श्रद्धा, भक्ति और आस्था का ऐसा संगम बन गया है जो न केवल उत्तराखंड बल्कि देश-विदेश से भी लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है।

इस भव्य आयोजन को शांतिपूर्ण और सुरक्षित रूप से संपन्न कराने के लिए उत्तराखंड पुलिस ने अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की है। तीन कंपनी पीएसी, 800 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती, सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी जैसे उपायों से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि मेला पूरी तरह से सुव्यवस्थित और सुरक्षित रहे।

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उत्तराखंड पुलिस की चाक-चौबंद तैयारियां

  • तीन कंपनी पीएसी की तैनाती

पुलिस प्रशासन ने मेले की सुरक्षा के लिए तीन कंपनियों की पीएसी (प्रांतीय आर्म्ड कांस्टेबुलरी) की तैनाती की है। ये जवान विशेष प्रशिक्षण प्राप्त होते हैं और भीड़ प्रबंधन से लेकर आपात स्थिति से निपटने में दक्ष होते हैं। इनकी उपस्थिति से कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहूलियत मिलेगी।

  • 800 पुलिसकर्मियों का बल

करीब 800 पुलिसकर्मी मेले की सुरक्षा में लगाए गए हैं। इसमें स्थानीय पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, महिला पुलिसकर्मी और क्यूआरटी जैसे विशेष बल शामिल हैं। मंदिर परिसर, मेले का मुख्य क्षेत्र और आसपास के संवेदनशील पॉइंट्स पर इनकी तैनाती की गई है। महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए महिला पुलिस की विशेष ड्यूटी लगाई गई है।

  • सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन से निगरानी

स्मार्ट तकनीक का उपयोग करते हुए, मेले में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जो हर गतिविधि पर नजर रखेंगे। इसके साथ ही, ड्रोन कैमरों के माध्यम से पूरे क्षेत्र की हवाई निगरानी की जाएगी। यह उपाय पुलिस को भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों पर नियंत्रण और त्वरित कार्रवाई में मदद करेगा।

आस्था, श्रद्धा और अनुशासन का प्रतीक

कैंची धाम मेला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह भक्तों के लिए आस्था का उत्सव है। बाबा नीम करोली महाराज की कृपा के लिए लोग लंबी यात्राएं तय करके यहां पहुंचते हैं। हर वर्ष की तरह इस बार भी मालपुआ प्रसाद, भजन-कीर्तन और सामूहिक भक्ति कार्यक्रम इस मेले की प्रमुख आकर्षण होंगे।

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प्रशासन की अपील: सहयोग करें, संयम रखें

उत्तराखंड पुलिस और प्रशासन ने श्रद्धालुओं से शांतिपूर्ण तरीके से मेला मनाने और सुरक्षा बलों का सहयोग करने की अपील की है। साथ ही किसी भी संदिग्ध वस्तु या गतिविधि की जानकारी तुरंत नजदीकी पुलिसकर्मी को देने को कहा गया है।

कैंची धाम का यह मेला एक आध्यात्मिक पर्व है, और इस आयोजन की भव्यता को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस की यह सुरक्षा व्यवस्था सराहनीय है। श्रद्धालुओं को अब बस श्रद्धा के साथ साथ अनुशासन का पालन करते हुए इस आयोजन को सफल बनाना है।