कपकोट के एक निजी स्कूल में गणित के शिक्षक हरिमोहन सिंह ऐठानी ने इस अबूझ प्रश्न को बूझा है। गणितज्ञ और अंतरराष्ट्रीय बैंकर एंड्रयू बील ने 381 साल पुराने एक गणितीय सिद्धांत के आधार पर प्रश्न 90 के दशक में तैयार किया था। इस सवाल को हल करने पर एक करोड़ डालर का ईनाम भी घोषित किया हुआ है। शिक्षक की इस उपलब्धि को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय जर्नल एमआईईआरजे के जून-जुलाई अंक में प्रकाशित किया गया है।
Hari Mohan Aithani with Kalams Book of Records |
इस अंक का पहला शोध हरिमोहन के नाम पर है। अनसुलझे सवाल और हरिमोहन के जवाब पर दुनिया भर के गणितज्ञों की नजरें टिकी हुई हैं। उनकी इस उपलब्धि पर पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे कलाम को समर्पित कलाम बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर से प्रमाण पत्र भेजा गया है। इसमें अनसुलझे प्रश्न को 15 दिन के भीतर बूझने की सराहना की है। श्री ऐठानी के मुताबिक इस सवाल का जवाब खोजने में उन्हें 15 दिन का समय लगा।
युवा शिक्षक गंगा सिंह बसेड़ा का कहना है
– कपकोट क्षेत्र में रहने के बाद भी इस प्रकार की उपलब्धि हासिल करना अंगारों पर चलने के बराबर है। इससे पहले मैजिक क्वायर में अपना जादू बिखेर चुके हैं पर शायद हमारे क्षेत्र, जिले और राज्य को प्रतिभा की क़द्र करनी नहीं आती है। इतने उपलब्धि हासिल करने के बाद भी कभी कोई सम्मान या जब वे आर्थिक तंगी से गुजरते हुए मैथ्स के सवालों पर लगे रहते हैं तब भी कोई मदद कहीं से भी नहीं मिलती। उल्टा मजाक बनाया जाता है, पर सर की मेहनत देखिये आज भारत में नहीं बल्कि पूरे विश्व (अंतरराष्ट्रीय) स्तर पर उनके हल किये गए प्रश्न पर चर्चा होगी।
प्रतिभा किसी की मोहताज नही होती, इस कथन को चरितार्थ करते हमारे कपकोट की शान हरिमोहन ऐठानी जी।जिन्होंने संचार क्रान्ति के अभाव के बावजूद ये मुकाम हासिल किया है। आप हम सब युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं।
News Source : Shri Ganesh Upadhyay / Amar Ujala Bageshwar