उत्तराखंड 2025 आपदा: अब तक 79 मौतें, 1944 करोड़ का नुकसान
उत्तराखंड में इस वर्ष मानसून सीजन में प्राकृतिक आपदाओं ने जनजीवन और राज्य की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाला है। पहाड़ी जिलों में भूस्खलन, बादल फटना और अतिवृष्टि जैसी घटनाओं ने न सिर्फ दर्जनों लोगों की जान ली है, बल्कि हजारों लोग बेघर भी हुए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 1 अप्रैल 2025 से 31 अगस्त 2025 तक 79 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 115 लोग घायल हुए हैं और 90 लोग लापता हैं।
Uttarakhand Disaster 2025 Loss Report
मानसून सीजन में आयी इस आपदा ने न केवल जनहानि पहुंचाई है, बल्कि पशुधन और आवासीय ढांचे को भी गहरी चोट दी है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक, 3953 छोटे-बड़े पशुओं की मृत्यु हो चुकी है। वहीं, 238 पक्के और 2 कच्चे भवन पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं। इसके अलावा 2835 पक्के और 402 कच्चे मकान गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
भवनों के साथ-साथ राज्य की व्यवसायिक इकाइयों दुकानें, होटल, होमस्टे और रेस्टोरेंट को भी भारी नुकसान झेलना पड़ा है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा है।
सरकारी परिसंपत्तियों को भारी नुकसान
आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि आपदा के चलते राज्य की सरकारी परिसंपत्तियों को लगभग ₹1944.15 करोड़ का सीधा नुकसान हुआ है। विभागवार नुकसान का ब्यौरा इस प्रकार है -
- लोक निर्माण विभाग एवं सार्वजनिक सड़कें – ₹1163.84 करोड़
- सिंचाई विभाग – ₹266.65 करोड़
- ऊर्जा विभाग – ₹123.17 करोड़
- स्वास्थ्य विभाग – ₹4.57 करोड़
- विद्यालयी शिक्षा विभाग – ₹68.28 करोड़
- उच्च शिक्षा विभाग – ₹9.04 करोड़
- मत्स्य विभाग – ₹2.55 करोड़
- ग्राम्य विकास विभाग – ₹65.50 करोड़
- शहरी विकास – ₹4 करोड़
- पशुपालन विभाग – ₹23.06 करोड़
- अन्य विभागीय परिसंपत्तियां – ₹213.46 करोड़
इस तरह राज्य के विभिन्न विभागों और परिसंपत्तियों को कुल मिलाकर लगभग ₹1944.15 करोड़ का सीधा नुकसान हुआ है। इसके अलावा लोगों ने अपने जीवनभर की मेहनत को एक झटके में खो दिए हैं, जो अमूल्य थे।