उत्तराखंड में स्वरोजगार के अवसर | ग्रामीण युवाओं के लिए 10 बिज़नेस आइडियाज

Business ideas in uttarakhand

 

उत्तराखंड राज्य अपनी प्राकृतिक संपदा, सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन की अपार संभावनाओं के कारण स्वरोजगार के लिए एक बेहतरीन जगह है। यहाँ की पहाड़ी जीवनशैली, पारंपरिक व्यवसाय और आधुनिक तकनीक को मिलाकर युवाओं एवं ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनने के व्यापक अवसर मिल सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि उत्तराखंड में कौन-कौन से स्वरोजगार किए जा सकते हैं –

{getToc} $title={Table of Contents} $count={Boolean} $expanded={Boolean}

कृषि एवं बागवानी आधारित स्वरोजगार

उत्तराखंड की मिट्टी और जलवायु कई तरह की फसलों के लिए अनुकूल है।

  • जैविक खेती (ऑर्गेनिक फार्मिंग) : पहाड़ी क्षेत्रों में बिना रासायनिक खाद और कीटनाशक के खेती करना आसान है। इससे उत्पादों की बाजार में अधिक कीमत मिलती है। वर्तमान में बहुत के लोग यहाँ जैविक खेती के द्वारा अपना स्वरोजगार कर रहें हैं और अच्छी कमाई कर रहे हैं। 
  • फल उत्पादन : उत्तराखंड में सेब, कीवी, नाशपाती, आड़ू, माल्टा, नारंगी और अखरोट के लिए अच्छी जलवायु है। फल उत्पादन के क्षेत्र में यहाँ स्वरोजगार के अच्छे अवसर हैं। 
  • औषधीय पौधों की खेती : उत्तराखंड कई दुर्लभ जड़ी-बूटियों का घर है। यहाँ जैसे तिमूर, किल्मोड़ी, तुलसी, अश्वगंधा, हरड़ आदि जैसे विभिन्न प्रकार के जड़ी-बूटियों की खेती आय और रोजगार का बड़ा स्रोत बन रही है।
  • मसाले : पहाड़ों में आप मसालों का भी व्यवसाय कर सकते हैं। जिसमें आप आर्गेनिक हल्दी, मिर्ची, धनियां, अदरख को बड़े बाजार तक पहुंचा सकते हैं। पहाड़ों में तेजपत्ता के पेड़ों को लगाकर आप अच्छा व्यवसाय कर सकते हैं। इसके अलावा जंगली पेड़ों में चिपकी झूला घास (लाइकेन) को एकत्रित कर आप इसे बाजार में बेच सकते हैं।  

पशुपालन और डेयरी उद्योग

  • दूध उत्पादन एवं डेयरी : यदि हम दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में काम करें तो यह हमारी आय का अच्छा स्रोत बन सकता है। पनीर, मक्खन और दही जैसे डेयरी उत्पाद बनाकर हम पहाड़ के बाजारों में अच्छी कीमतों में बेच सकते हैं।  
  • भेड़ एवं बकरी पालन : उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोग पहले से ही भेड़-बकरी पालन कर स्वरोजगार से जुड़े हुए हैं, लेकिन युवावर्ग अब इस रोजगार से पीछे हट रहा है। उन्हें अच्छा मुनाफा देने वाले इस रोजगार की ओर मुड़ना होगा।  
  • पोल्ट्री फार्मिंग : पहाड़ी अंडे और देसी मुर्गे की बाजार में भारी मांग रहती है, पोल्ट्री फार्मिंग कर युवा कमाई कर सकते हैं।  

पर्यटन एवं हॉस्पिटैलिटी सेक्टर

उत्तराखंड का पर्यटन देश ही नहीं विदेशी पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ धार्मिक, साहसिक और प्राकृतिक सभी पर्यटन के केंद्र हैं। यहाँ के लोगों के लिए पर्यटन व्यवसाय के बेहतरीन अवसर देता है। जैसे -

  • होमस्टे व्यवसाय : इस समय उत्तराखंड के लोग होमस्टे चलकर अच्छा व्यवसाय कर रहे हैं। गाँव-गाँव में होमस्टे योजनाएँ आत्मनिर्भरता की मिसाल हैं।
  • एडवेंचर टूरिज्म : ट्रेकिंग, रिवर राफ्टिंग, कैंपिंग जैसी सेवाओं से युवाओं को अच्छा लाभ मिलता है।
  • स्थानीय व्यंजन और फूड आउटलेट : पर्यटक स्थलों के आसपास फ़ूड आउटलेट्स, होटल्स व्यवसाय उत्तराखंड के युवाओं के एक बेहतरीन कमाई का साधन है। यहाँ आप पहाड़ी खाने जैसे झंगोरे की खीर, भट के डुबके, गहत की दाल, यहाँ के पारम्परिक लाल चांवल, लिंगुड़े का साग आदि को पर्यटकों को परोसकर एक सफल स्वरोजगार कर सकते हैं।  

हस्तशिल्प और लोककला

  • ऊन और हस्तनिर्मित वस्त्र : पिथौरागढ़, बागेश्वर, चमोली जैसे जिलों में ऊनी शॉल, टोपी और कंबल का अच्छा कारोबार किया जा सकता है। 
  • लकड़ी और रिंगाल की कारीगरी : हस्तशिल्प में रिंगाल का कारोबार पहाड़ों में पहले से होता आ रहा है, लेकिन कुछ वर्षों से इसमें कमी देखने को मिली है। इस उद्योग को बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा आप लकड़ी की कारीगरी से अपनी आर्थिकी को सुधार सकते हैं। 
  • हस्तनिर्मित आभूषण और लोककला : पारंपरिक गहनों और चित्रकला की बाजार में अच्छी मांग है।

मधुमक्खी पालन (Beekeeping)

उत्तराखंड का प्राकृतिक वातावरण शहद उत्पादन के लिए बेहद उपयुक्त है। जैविक शहद और मोम के उत्पादों की ओर ध्यान दिया जाये तो रोजगार अच्छा चल सकता है। 

मछली पालन (Fisheries) 

उत्तराखंड में पर्याप्त मात्रा में पानी है। गाड़-गधेरों (नदी) वाले क्षेत्रों में ट्राउट और अन्य प्रजातियों की मछलियों का पालन रोजगार और आय का सशक्त साधन है।

आईटी और ऑनलाइन स्वरोजगार

इंटरनेट के बढ़ते दायरे से पहाड़ी युवा भी डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का लाभ उठा रहे हैं।
  • फ्रीलांसिंग (लेखन, ग्राफिक डिजाइन, वेब डेवलपमेंट)
  • ऑनलाइन शिक्षा (ट्यूशन, कोचिंग, प्रतियोगी परीक्षा गाइडेंस)
  • ई-कॉमर्स के जरिए स्थानीय उत्पादों की बिक्री
  • इसके अलावा CSC सेंटर का सञ्चालन कर रोजगार प्राप्त किया जा सकता है।  

हर्बल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग

  • फल आधारित जूस, जैम, अचार और कैंडी
  • हर्बल चाय और औषधीय उत्पाद
  • पहाड़ी दालें और अनाज (राजमा, मंडुवा, झंगोरा, गहत, काले भट, लाल जमाली चांवल ) की पैकेजिंग और ब्रांडिंग

महिला स्वरोजगार योजनाएँ 

  • महिलाएँ स्वरोजगार के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं।
  • सहकारी समितियों के माध्यम से विभिन्न मंदिरों के प्रसाद, पापड़, बड़ी, अचार और ऊनी वस्त्र निर्माण
  • सेल्फ हेल्प ग्रुप (SHG) द्वारा सूक्ष्म उद्यम
  • हस्तनिर्मित बैग, कढ़ाई और बुनाई के उत्पादों की बिक्री 

सौर स्वरोजगार 

उत्तराखंड में आप स्वरोजगार के लिए 'सौर ऊर्जा' को अपना सकते हैं। जिसमें वर्तमान में सरकार द्वारा सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है।  

निष्कर्ष

उत्तराखंड में स्वरोजगार केवल आजीविका का साधन ही नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता, पलायन रोकने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का जरिया बन सकता है। यहाँ के प्रकृति प्रद्दत संसाधन, पर्यटन और परंपरागत कौशल को आधुनिक तकनीक और बाज़ार की माँग से जोड़कर युवाओं और महिलाओं के लिए स्वरोजगार की असीम संभावनाएँ मौजूद हैं। शुरू कर के तो देखें।