jahan pawan bahe sankalp liye
जहाँ पवन बहे संकल्प लिए, जहाँ पर्वत गर्व सिखाते हैं - Poem by Narendra Modi Ji
Jahan Pawan Bahe जहाँ पवन बहे संकल्प लिए जहाँ पवन बहे संकल्प लिए, जहाँ पर्वत गर्व सिखाते हैं, जहाँ ऊँचे नीचे सब रस्ते बस भक्ति के सुर ...