लोकगीत "झन दिया बौज्यू छाना बिलौरी, लागला बिलौरी का घाम" के बोल।
यदि आप उत्तराखण्ड से हैं तो आपने 'झन दिया बौज्यू छाना बिलौरी, लागला बिलौरी का घाम' गीत अक्सर सुना या गुनगुनाया होगा। इस गाने में एक युवती अपने पिता से मनुहार करती है कि उसकी शादी छाना बिलौरी नामक गांव/इलाके में न की जाये क्योंकि वहाँ अनेक प्रकार के कष्ट हैं और सबसे मुश्किल बात यह है कि तेज धूप पड़ने के कारण वहाँ गरमी होती है।
Jhan Diya Baujyu गीत के बोल (Lyrics) कुछ इस प्रकार हैं -
झन दिया बौज्यू छाना बिलौरी, लागला बिलौरी का घाम।
हाथ दाथुली हाथ रै जाली, लागला बिलौरी का घाम।
चूलै की रोटी चूलै में रौली, लागला बिलौरी का घाम।
झन दिया बौज्यू छाना बिलौरी, लागला बिलौरी का घाम।
हाथै कि कुटली हाथै में रौली, लागला बिलौरी का घाम।
झन दिया बौज्यू छाना बिलौरी, लागला बिलौरी का घाम।
फूल जैसी म्यर मुखड़ी, चेली मैं तुमरी भली-भली।
झन दिया बौज्यू छाना बिलौरी, लागला बिलौरी का घाम।
बिलोरी का धारा रौतेला रौनी, लागनी बिलोरी का घामा।
झन दिया बौज्यू छाना बिलौरी, लागला बिलौरी का घाम।
इस गीत की धुन को कुमाऊँ रेजिमेंट ने अपने बैंड धुन में भी शामिल किया है जिसे विभिन्न समारोहों में बजते देखा -सुना जा सकता है। बागेश्वर उत्तरायणी मेले में कुमाऊँ रेजिमेंट बैंड की एक प्रस्तुति को देखिये इस वीडियो में -
छाना बिलौरी के भल लागूं, छाना बिलौरी का ज्वाना।
दी दिया बौज्यू छाना बिलोरी, नि लांगना हो घाम।
झूटी यो कैले बात कै दे छो, खाली करो बदनाम।
दी दिया बौज्यू छाना बिलोरी, नि लांगना हो घाम।
वास्तव में हकीकत भी यही थी। छाना बिलौरी बागेश्वर जिले का एक समृद्ध गांव है। पहाड़ के अन्य अंचलों की तरह भी छाना (छौना) बिलौरी एक बेहद खूबसूरत इलाका हैं। लोक गायक गोपाल बाबू गोस्वामी जी के आवाज़ में सुनिए इस ऑडियो को-