Bageshwar | कदली वृक्ष रोपकर प्रारम्भ हुई माँ नंदा भगवती पूजा की तैयारियां।
उत्तराखण्ड । बागेश्वर जिले के कपकोट ब्लॉक स्थित पोथिंग गांव में हरेला पर्व बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। हर तीसरे वर्ष हरेला पर्व पर आदिशक्ति माँ नंदा भगवती मंदिर पोथिंग में विधि-विधान के साथ कदली वृक्षों को रोपा जाता है। हरेला पर्व की पूर्व संध्या पर पोथिंग के ग्रामीणों का एक दल घंटे-घड़ियालों और भकौरों के साथ तिबारी भगवती मंदिर से पैदल कपकोट के उत्तरौड़ा गांव को रवाना होता है। जहाँ उनका जगह-जगह भव्य स्वागत होता है। यहाँ भगवती मंदिर में रात भर लोगों द्वारा माता के भजन गाये जाते हैं। भोर होते ही सरयू में स्नान के बाद देव डंगरिये अवतरित होकर बगीचों से दो कदली वृक्षों का चुनाव करते हैं और पूजा के बाद उत्तरौड़ा गांव के ग्रामीण नम आंखों से इन कदली वृक्षों को विदा करते हैं। उत्तरौड़ा के ग्रामीण इन कदली वृक्षों को ससुराल जाती बेटी की तरह विदा करते हैं। विदाई का यह नजारा भावुक होता है।
भगवती मंदिर पोथिंग में कदली वृक्ष लाते श्रद्धालु। |
श्रद्घालु यहां से 10 किलोमीटर पैदल वृक्षों को बीथी-पन्याती की खड़ी चढ़ाई चढ़कर पोथिंग गांव ले जाते हैं। रास्ते में ग्रामीण जगह-जगह उनका स्वागत करते हैं। वहां भगवती मंदिर में सुबह से श्रद्घालुओं का जमावड़ा लगा रहता है। गांव पहुँचने पर लोगों द्वारा कदली वृक्षों का स्वागत किया जाता है। पूर्वजों द्वारा निर्धारित स्थान पर इन वृक्षों को रोपकर करीब एक माह तक गौ दुग्ध द्वारा सींचा जाता है। भाद्रपद की नवरात्रों में सप्तमी के दिन इन वृक्षों के तनों को काटकर मंदिर में ले जाया जाता है, जिसके तनों से अष्टमी को होने वाली पूजा के लिए माँ भगवती की मूर्ति का निर्माण किया जाता है।
बहुत सुंदर विवरण एवं चित्र
ReplyDeleteधन्यवाद आपका .
DeleteJai mata di
ReplyDeleteJai mata di
ReplyDeleteV v nice namaskar
ReplyDeleteJai Mata Di.
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